लखनऊ:
एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट ने प्रधानमंत्री मोदी के आज के भाषण पूर्णतया चुनावी भाषण बताते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा की तरह केवल अपनी सरकार की उपलब्धियां ही गिनाईं हैं। देश के सामने मुख्य समस्याओं जैसे बढ़ती हुई असमानता, गरीबी, बेरोजगारी, कुपोषण, किसानों की दुर्दशा एवं आत्महत्याएं, माब लिंचिंग तथा व्यापक सांप्रदायिकता आदि का निवारण तो दूर उनका उल्लेख तक नहीं किया। उन्होंने मौलिक अधिकारों की रक्षा की बजाए अमृत काल को कर्तव्य काल कहा जोकि अधिकार व्यवस्था की जगह कर्तव्य व्यवस्था पर जोर देती है। इसी का परिणाम है कि आज देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार, असहमति का अधिकार, शांतिपूर्ण ढंग से सरकार के विरोध का अधिकार एवं धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार आदि मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है।

इतना ही नहीं पूर्व में मिले कुछ अधिकार जैसे सूचना का अधिकार तथा वनाधिकार आदि को भी नए कानून बना कर कमजोर कर दिया गया है। इसके साथ ही काले कानून जैसे यूएपीए, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, निरोधात्मक गिरफ़्तारी तथा धारा 144 आदि का खुला दुरुपयोग किया जा रहा है। सभी संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा करके उनके कार्य को कुप्रभावित किया जा रहा है। सरकारी संस्थाओं जैसे सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग आदि का अपने विरोधियों को दबाने के लिए खुला इस्तेमाल किया जा रहा है। देश की अर्थव्यवस्था को वित्तीय पूंजी के हवाले कर दिया गया है। देश की अमूल्य सम्पत्तियां निजीकरण द्वारा कार्पोरेट्स के हवाले की जा रही हैं। सरकार ने सोशल सेक्टर जैसे शिक्षा, मनरेगा, स्वास्थ्य सेवाएं आदि के बजट में भारी कटौती की है जिसका दुष्प्रभाव आम लोगों पर पड़ रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं कि यदि 2024 में मोदी सरकार पुनः जीत कर आ जाती है जैसाकि उनका दावा है, तो यह लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा होगा।

अतः ऐसी परिस्थिति में लोकतंत्र को बचाने के लिए सभी जनवादी एवं धर्म निरपेक्ष ताकतों को एक साझा एजंडा ले कर एक प्लेटफार्म पर आना होगा और भाजपा को 2024 के चुनाव में हराना होगा। आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट इस दिशा में काफी दिनों से प्रयासरत है।