नई दिल्ली: मानूसन के मेहरबान होने से एक तरफ खरीफ फसलों की बंपर पैदावार की उम्मीद की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ, भारी बारिश और बाढ़ के कारण हरी सब्जियों की किल्लत होने से इनके दाम आसमान छू गए हैं। बीते दो महीने में ज्यादातर सब्जियां दो से तीन गुनी महंगी हो गई हैं और बरसात से देश में बने हालात के बीच सब्जियों की महंगाई से फिलहाल राहत की उम्मीद के आसार नहीं दिख रहे हैं।

इस महीने हरी शाक-सब्जियों के साथ-साथ आलू और प्याज के दाम में भी काफी इजाफा हो गया है। देश के विभिन्न भागों में हुई भारी बारिश और बाढ़ के हालात के चलते हरी सब्जियों की आवक घटने से इनकी कीमतों में भारी इजाफा हो गया है। आलू, प्याज, टमाटर समेत तमाम हरी सब्जियों के दाम आसमान चढ़ गए हैं। दिल्ली-एनसीआर में बैंगन, लौकी और तोरई भी 50 रुपये किलो मिल रही है।

नोएडा के खुदरा सब्जी विक्रेता अखिलेश ने बताया कि थोक मंडियों से ही सब्जियां ऊंचे भाव पर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि बरसात में सब्जियां ज्यादा खराब होती हैं। आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव शनिवार को 6.25 रुपये से 16 रुपये प्रति किलो था। वहीं, आलू का का थोक भाव 13 रुपये से 44 रुपये प्रति किलो, जबकि टमाटर का थोक भाव आठ रुपये से 43.50 रुपये प्रति किलो रहा। कारोबारियों ने बताया कि अब लोग बाहर होटल, ढाबा व रेस्तरां में भी खाने के लिए जाने लगे हैं, जिससे सब्जियों की खपत बढ़ गई है। इसलिए कीमतों में इजाफा हुआ है।