नई दिल्ली: सरकार के सात साल पूरे होने पर अपने संबोधन में भारत के प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि जब हम यह देखते हैं कि अब भारत दूसरे देशों की सोच और उनके दबाव में नहीं, अपने संकल्प से चलता है, तो सबको गर्व होता है। उन्होंने कहा कि जब हम देखते हैं कि अब भारत अपने ख़िलाफ़ साज़िश करने वालों को मुंहतोड़ ज़वाब देता है तो हमारा आत्मविश्वास और बढ़ता है और जब भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर समझौता नहीं करता और जब हमारी सेनाओं की ताक़त बढ़ती हैं, तो हमें लगता है कि हम सही रास्ते पर हैं।

डिजिटल लेन देन में दुनिया को दिखाई दिशा
उन्होंने कहा कि इन सात बरसों में भारत ने डिजिटल लेन देन में दुनिया को नई दिशा दिखाने का काम किया है और आज किसी भी जगह जितनी आसानी से लोग तुरंत डिजिटल पेमेंट कर देते हैं, वह कोरोना के इस समय में बहुत उपयोगी साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम रेकॉर्ड सैटेलाइट भी प्रक्षेपित कर रहे हैं और रेकॉर्ड सड़कें भी बना रहे हैं जबकि इन सात वर्षों में देश के अनेक पुराने विवाद पूरी शांति और सौहार्द से सुलझाए गए हैं। मोदी ने कहा कि पूर्वोतर से लेकर कश्मीर तक शांति और विकास का एक नया भरोसा जगा है।

मज़बूती से जारी है कोविड से लड़ाई
मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में आज कहा कि देश पूरी ताकत के साथ कोविड से लड़ रहा है और पिछले 100 सालों में ये सबसे बड़ी महामारी है। इसी महामारी के बीच भारत ने अनेक प्राकृतिक आपदाओं का भी डटकर मुकाबला किया है। इस दौरान चक्रवात अम्फान, निसर्ग, अनेक राज्यों में बाढ़ आई, अनेक भूकंप आए, भूस्खलन हुए।

अनुशासन के साथ मुकाबला
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में चक्रवात से प्रभावित हुए सभी राज्यों के लोगों ने जिस प्रकार से साहस का परिचय दिया है, इस संकट की घड़ी में बड़े धैर्य के साथ, अनुशासन के साथ मुकाबला किया है। केंद्र, राज्य सरकार और प्रशासन सभी एकजुट होकर आपदा का सामना करने में जुटे हैं। देश और देश की जनता इनसे पूरी ताकत से लड़ी और कम से कम जनहानि सुनिश्चित की।

चक्रवातों का आघात
मोदी ने कहा कि अभी-अभी पिछले 10 दिनों में ही देश ने, फिर दो बड़े चक्रवात का सामना किया। पश्चिमी तट पर चक्रवात ‘ताऊ-ते’ और पूर्वी तट पर चक्रवात ‘यास’। इन दोनों चक्रवातों ने कई राज्यों को प्रभावित किया है। देश और देश की जनता इनसे पूरी ताक़त से लड़ी और कम से कम जनहानि सुनिश्चित की। उन्होंने कहा , “ हम अब ये अनुभव करते हैं कि पहले के वर्षों की तुलना में, ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की जान बचा पा रहे हैं। विपदा के इस कठिन और असाधारण परिस्थिति में चक्रवात से प्रभावित हुए सभी राज्यों के लोगों ने जिस प्रकार से साहस का परिचय दिया है,इस संकट की घड़ी में बड़े धैर्य के साथ, अनुशासन के साथ मुक़ाबला किया है- मैं आदरपूर्वक, हृदयपूर्वक सभी नागरिकों की सराहना करना चाहता हूँ।”