लखनऊ: सरकारें हर तरह की उन मौतों को छुपाने की कोशिश करती है जिसमें प्रशासनिक लापरवाई सामने आती हो, फिर वह चाहे कोरोना से होने वाली मौतें हों या विषाक्त मदिरा के सेवन से होने वाली मौतें। यूपी के अलीगढ़ में जहरीली शराब से अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है मगर प्रशासन सिर्फ 25 मौतों की पुष्टि कर रहा है

जारी है मौतों का सिलसिला
गौरतलब है कि विगत शुक्रवार को अलीगढ़ के करसुआ गांव में जहरीली शराब पीने के बाद मौतों का सिलसिला शुरू हो गया था, जो अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं एक दर्जन से ज्यादा लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

51 मौतें, 25 की पुष्टि
एक हिंदी अख़बार में छपी खबर के मुताबिक 51 मौतों के बाद भी प्रशासन की तरफ से सिर्फ 25 मौतों की ही पुष्टि की गई है. शनिवार रात तक 51 लोगों का पोस्टमार्टम किया गया है. लगातार शव पोस्टमार्टम के लिए पहुंच रहे हैं. वहीं प्रशासन अब भी 25 मौतों की ही पुष्टि कर रहा है. बड़ी संख्या में हुई मौतों के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है. वहीं गांव वालों का कहना है कि 51 से भी ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब पीने की वजह से हुई है. उनका कहना है कि बिना पोस्टमार्टम के ही कई मृतकों का अंतिम संस्कार अब तक किया जा चुका है. एक दर्जन से ज्यादा लोग अब भी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं.

फरार आरोपी पकड़ से बाहर
वहीं फरार चल रहे ठेकेदारों का अब तक कुछ भी पता नहीं चल सका है. इस मामले में अब तक 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें मुख्य आरोपी की पत्नी भी शामिल है. वहीं लापवाही के आरोप में कई अधिकारियों को भी सस्पेंड किया जा चुका है.

सस्पेंड अधिकारियों, पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी
दूसरी तरफ मामले की मजिस्ट्रेट जांच की जा रही है. सभी सस्पेंड किए गए अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी किया गया है. जानकारी के मुताबिक अलीगढ़ जिले में दो बड़े शराब माफिया हैं. जिले की 511 शराब की दूकानों में से ज्यादातर यह ही लोग चलाते है. कहा जा रहा कि लॉकडाउन में इन दोनों माफिया के लोगों ने नकली देसी शराब बनाकर सरकारी बारकोड लगाकर बेची.