लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज विधान परिषद में राज्यपाल द्वारा समवेत सदनों में दिए गए अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के समर्थन में बोलते हुए कहा कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत संवाद है। उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर विचार व्यक्त करने के लिए सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति देश का संवैधानिक प्रमुख होने के नाते एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक संस्था है। इसी प्रकार प्रदेश में राज्यपाल की भी यही भूमिका है। उनके प्रति सम्मान का भाव रखना और इस संस्था के माध्यम से लोकतांत्रिक मूल्यों को और सशक्त करना प्रत्येक नागरिक का दायित्व है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक प्रतीकों, संवैधानिक प्रमुखों का सम्मान, चुने गये जनप्रतिनिधियों का दायित्व होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी इस सदी की सबसे बड़ी त्रासदी रही है। इसके सामने दुनिया की बड़ी-बड़ी ताकतें पस्त हो गईं। लेकिन हम सब आभारी हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जिनके मार्गदर्शन में देश के 135 करोड़ लोगों को कोरोना से सुरक्षित किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना प्रबन्धन में पूरी प्रतिबद्धता और टीमवर्क के साथ कार्य किया गया। कोरोना प्रबन्धन में जनता द्वारा दिये गये धन का उपयोग हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने में किया गया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत ने 02 स्वदेशी वैक्सीन पूरी दुनिया को दी है। उन्होंने स्वदेशी वैक्सीन की उपलब्धि पर भारत के वैज्ञानिकों का अभिनन्दन किया। जल्द ही दो और वक्सीन आने वाली है। भारत पहला देश होगा, जो 04-04 वैक्सीन देगा। उन्होंने कहा कि देश वही है, नेतृत्व बदल गया है, जिससे देश की तकदीर बदल गयी है। 05 हजार वर्ष पूर्व यह बात युधिष्ठिर कोे भीष्म पितामह ने बतायी थी कि राजा ही अपनी परिस्थितियों का निर्माता होता है। 05 हजार वर्ष पूर्व कही गई यह बातें पिछले 06 वर्षों से सही सिद्ध हो रही हैं। भारत को वैश्विक मान्यता मिली है। सदन के सदस्यों सहित प्रदेश की जनता के सामूहिक प्रयास से कोरोना के प्रति सफलता मिली। उन्होंने प्रदेश कि चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों, कोरोना वॉरियर्स, जिसमें बैंककर्मी, पुलिस कर्मी व अन्य हैं, जिन्होंने कोरोना काल में प्रत्येक स्तर पर सेवा भाव से कार्य किया।