तौक़ीर सिद्दीक़ी

कोलकाता नाईट राइडर्स के कप्तान इयान मॉर्गेन आईपीएल 2021 में अबतक सुपर फ्लॉप साबित हुए हैं. मॉर्गेन ने बल्लेबाज़ के तौर पर अपनी लगातार असफलता पर 3 अक्टूबर को सनराइज़र से हुए मैच के बाद प्रेजेंटेशन सेरेमनी में कहा था कि मेरे बल्ले से बड़ी पारी बस अब निकलने ही वाली है.मॉर्गेन इस बयान के बाद से अबतक तीन मैच और खेल चुके हैं मगर उनका बल्ला अब भी बुरी तरह खामोश है.

सोचने वाली बात यह है कि अब आईपीएल 2021 में सिर्फ एक मैच बचा है और वह फाइनल मैच है जो 15 अक्टूबर को डैडीज़ आर्मी यानी धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपर किंग के खिलाफ होना है, तो क्या वह बड़ी पारी जिसकी बात मॉर्गेन ने कही थी फाइनल शो डाउन के लिए छुपा रखी है या फिर अपने बल्ले के सारे रन उन्होंने इंग्लैंड के लिए बचा रखे हैं जिसे वह टी20 विश्व कप में खेलते हुए निकालेंगे? क्या मॉर्गेन की वह तथाकथित पारी विश्व कप में नज़र आएगी?

आईपीएल के इतिहास में शायद ही कोई बल्लेबाज़ कप्तान ऐसा हुआ हो जो मॉर्गेन जैसा नाकाम रहा हो. आईपीएल 2021 में मॉर्गेन ने टीम के लिए सभी 16 मैच खेले हैं और सिर्फ 129 रन ही बना सके हैं यानि प्रति पारी 8 रन. आप यह भी कह सकते हैं केकेआर की टीम इस आईपीएल में सिर्फ 10 खिलाडियों के साथ खेली है, ऐसे में वह फाइनल में पहुँच गयी, यह किसी करिश्मे से कम नहीं है. इसे आप केकेआर फ्रैंचाइज़ी की किस्मत कह सकते है कि यूएई में खेले जाने वाले आईपीएल के दूसरे दौर में उसे वेंकटेश अय्यर मिल गए जो टीम के लिए खेवनहार साबित हुए.

खैर बात यहाँ कप्तान इयान मॉर्गन की हो रही है तो इंग्लैंड की टीम के साथ उनका जितना अच्छा रिकॉर्ड है उतना ही खराब रिकॉर्ड केकेआर के लिए है. मुझे याद है कि केकेआर के पूर्व कप्तान दिनेश कार्तिक जब बल्लेबाज़ी में नाकाम साबित हो रहे थे तब कितना हंगामा मचा हुआ था, मजबूरन कार्तिक को खुद कप्तानी छोड़नी पड़ी थी और यह ज़िम्मेदारी मॉर्गन ने अनमने मन से ली थी. बीच आईपीएल में मॉर्गेन से ज़्यादा उम्मीद भी नहीं की गयी थी. मगर अब जब्कि उन्हें पूरा सीजन मिला उनकी बल्लेबाज़ के तौर पर बुरी तरह नाकामी बहुत से सवाल उठाती है. जहाँ तक उनकी कप्तानी का सवाल है बहुत से मौकों पर बैटिंग आर्डर को लेकर उनपर उँगलियाँ उठी हैं. अपनी नाकामी से उभरने के लिए कई बार जब वह नारायण, रसेल या कार्तिक से ऊपर खेलने आये टीम को मुश्किल में डाला। ऐसा भी नहीं रहा कि उन्होंने टीम को बाद में मुश्किल से निकाला हो, बल्कि पीछे आने वाले बल्लेबाज़ों के लिए एक आसान टारगेट को मुश्किल बनाकर आउट होकर चले गए. क्वालीफ़ायर 2 का मुकाबला ही ले लीजिये, तीन गेंदें डॉट खेलीं और आउट होकर चल दिए, इससे पहले एलिमिनेटर राउंड को ले लीजिये, सात गेंदों में पांच रन ही बना सके.

केकेआर की टीम हो सकता है कि तीसरी बार खिताब जीत जाय, लेकिन पिछले 16 मैचों में कप्तान मॉर्गन ने जैसा प्रदर्शन किया है अगर वही जारी रहा तो कम से कम जीत का सेहरा उन्हें तो नहीं लेना चाहिए, खैर फाइनल में जो होगा वो होगा लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि अगले आईपीएल के ऑक्शन में क्या मॉर्गेन केकेआर की टीम दिखेंगे, क्या केकेआर उन्हें रिटेन करेगी, यह बड़ा सवाल है. एक बल्लेबाज़ के तौर पर उनकी जगह केकेआर तो क्या किसी भी और टीम में जगह नहीं बनती लेकिन कोलकाता की टीम ने अगर खिताब जीत लिया तो हो सकता है शाहरुख़ खान की मेहरबानी उन पर बनी रहे.

एक सवाल जो मैं मॉर्गन के हवाले से इंग्लैंड के क्रिकेट बोर्ड (ECB) से पूछना चाहता हूँ कि टी 20 विश्व कप से पहले मॉर्गन का बल्ले से सुपर फ्लॉप होना टीम के दूसरे खिलाडियों के मोराल पर कितना असर डालेगा, उनकी बल्लेबाज़ी की नाकामी का सिलसिला अगर वर्ल्ड कप में भी ऐसा ही जारी रहा तो ECB क्या करेगा या फिर उसे भी मेरी तरह यह यक़ीन है कि मॉर्गन ने अपना बेस्ट विश्व कप के लिए बचा रखा है, क्योंकि मॉर्गन भी जानते हैं कि आईपीएल एक तमाशा है, क्यनों एनर्जी बर्बाद करूँ। वैसे भी याद रखना चाहिए उनका ताल्लुक़ इंग्लैंड से है.