टीम इंस्टेंटखबर
अज्ञात योगी के इशारे पर सालों तक देश के सबसे बड़े शेयर बाजार NSE को चलाए जाने के मामले में रोज नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं. इस नाटकीय घटनाक्रम के पीछे जो हिमालयन योगी मुख्य सूत्रधार है, अभी तक उसकी पहचान नहीं हो पाई है. उससे जुड़ी एक चीज ही सामने आई है और वह है बातचीत के लिए इस्तेमाल होने वाली ईमेल आईडी. हालाँकि कहा जा रहा है कि सेबी कथित अदृश्य हिमालयन योगी की पहचान करने के बेहद करीब है.

करीब 6 साल चली जांच के बाद सेबी ने 190 पन्नों का ऑर्डर दिया है. इस ऑर्डर में एनएसई की पूर्व चीफ चित्रा रामकृष्णा और अज्ञात यागी के बीच हुई बातचीत से लेकर विभिन्न संबंधित लोगों के बयान भी शामिल हैं. जांच के दौरान चित्रा ने बताया कि वह योगी से 20 साल पहले गंगा के तट पर मिली थी. उसने यह भी दावा किया कि योगी एक दैवीय शक्ति है, जिसे शरीर की जरूरत नहीं पड़ती है. वह हिमालय में विचरते रहता है और अपनी इच्छा से कहीं भी प्रकट हो सकता है.

चित्रा ने सेबी को बताया कि वह योगी से ईमेल के जरिए बातचीत करती थी. पूर्व एनएसई चीफ चित्रा रामकृष्णा ईमेल आईडी rigyajursama@outlook.com के माध्यम से योगी के साथ संपर्क करती थी. इस आईडी को देखें तो इसमें Rig, Yajur और Sama शब्दों को जोड़कर बना है. सनातन धर्म के चारों वेदों का नाम क्रमश: ऋगवेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद है. इनमें से आखिरी वेद अथर्ववेद में जादू के मंत्रों की जानकारी दी गई है. अज्ञात योगी के ईमेल में इसे छोड़ तीनों वेदों का नाम शामिल है.

इस पूरे मामले में सेबी को आर्थिक गड़बड़ियों का भी पता चला है. योगी के इशारे पर चित्रा ने जिस आनंद सुब्रमण्यम को एनएसई का दूसरा सबसे बड़ा पद दे दिया था, वह अपनी सैलरी का एक हिस्सा हर महीने योगी को दक्षिणा के नाम पर देता था. इसी दक्षिणा के लिए आनंद को एनएसई में भारी-भरकम हाइक के साथ नौकरी दी गई थी. पहले जो इंसान 15 लाख रुपये की सैलरी पा रहा था, एनएसई में उसने 1.38 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया. जब तक मामला पता चला, तब तक आनंद की सैलरी 4 करोड़ रुपये से ज्यादा को चुकी थी.

इस बीच बताया जा रहा है कि सेबी कथित योगी की पहचान करने के करीब है. कुछ लोग मानते हैं कि आनंद सुब्रमण्यम ने ही योगी के नाम से एक फेक आइडेंटिटी तैयार की और चित्रा से मनमाफिक फायदा उठाया. हालांकि सेबी ने अपने ऑर्डर में इस बात को निराधार बताया है. सेबी के हिसाब से योगी के चेहरे के पीछे जो इंसान है, वह एनएसई का कर्मचारी नहीं है. सूत्रों के हवाले से चल रही खबरों के अनुसार, सेबी 2 सप्ताह के भीतर योगी की असली पहचान लोगों के सामने ला सकता है.