टीम इंस्टंटखबर
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की 2021 की दारोगा भर्ती प्रक्रिया की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच एसआईटी से कराकर दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही कराने, परीक्षा रद्द कराकर पुनः दारोगा भर्ती परीक्षा आयोजित कराने की मांग की है ताकि दारोगा जैसे महत्वपूर्ण पद पर योग्य अभ्यर्थियों का चयन हो सके।

अखिलेश यादव ने कहा अभी हाल में 12 जून 2022 को दारोगा भर्ती का रिजल्ट जारी किया तब फिर उसमें घोटाला कर दिया गया। कई अभ्यर्थी ऐसे हैं जो सामान्य वर्ग और अतिपिछड़ा वर्ग से आते हैं। उनको सरकार ने किसी को अनुसूचित जाति और किसी को अनुसूचित जनजाति का बना दिया। उत्तर प्रदेश दारोगा भर्ती नियमावली में साफ तौर स्पष्ट लिखा है कि अन्य राज्य का अभ्यर्थी सामान्य वर्ग में ही गिना जाएगा, लेकिन रिजल्ट में उनको अनुसूचित जाति व अनुसूचित जाति का आरक्षण दे दिया गया। कई अभ्यर्थी ऐसे हैं जो डीए/पीएसटी में फेल हैं, उनका भी फाइनल रिजल्ट में नाम है।

अखिलेश यादव से दारोगा भर्ती के अभ्यर्थियों विजय मिश्रा, जयसिंह यादव, सावन शर्मा आदि ने मिलकर ज्ञापन दिया जिसमें कहा गया है कि दारोगा भर्ती के लिए 6 राज्यों में ब्लैक लिस्ट फर्म एनएसईआईटी को भर्ती परीक्षा का टेण्टर क्यों दिया गया जबकि यह फर्म 2017 की दारोगा भर्ती परीक्षा में भी गड़बड़ी कर चुकी है तब फिर परीक्षा रद्द कर उसे ही पुनः परीक्षा कराने का टेण्डर क्यों दिया गया? भाजपा सरकार ने एसटीएफ द्वारा प्रतिबन्धित सेंटरों में परीक्षा करा दी। दारोगा भर्ती में धांधली कराई गई।