नई दिल्ली: कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में फैसला लिया गया है कि सोनिया गांधी फिलहाल पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी। बता दें कि कांग्रेस में नेतृत्व संकट के बीच आज कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक चल रही थी। इस दौरान नेतृत्व के सवाल पर खुलकर बात हुई। बैठक के दौरान पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि वो अब आगे पार्टी अध्यक्ष नहीं बने रहना चाहती हैं। लेकिन कई नेताओं ने उन्हें पद पर बने रहने की अपील की थी। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा सोनिया को लिखे पत्र को लेकर भी काफी गहमागहमी हुई।

जल्द होगा चुनाव
कांग्रेस वर्किंग कमेटी सदस्य केएच मुनियप्पा ने कहा कि मैडम (सोनिया गांधी) जारी रखेंगी। चुनाव जल्द से जल्द होगा जो कार्यसमिति का सर्वसम्मत निर्णय है।

सभी ने जताई आस्था
कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य पी.एल. पुनिया ने बताया कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की आज लंबी बैठक हुई। सभी ने सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी में संपूर्ण आस्था व्यक्त की और सोनिया गांधी जी को कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष बने रहने का अनुरोध किया। जो उन्होंने स्वीकार किया।

कांग्रेस का द्विवेशन जल्द
उन्होंने कहा कि अगला कांग्रेस अधिवेशन जल्द से जल्द बुलाया जाएगा। 6 महीने के अंदर भी हो सकता है। तब तक सोनिया गांधी जी अंतरिम अध्यक्ष के रूप में काम करती रहेंगी। उन्होंने अपनी सहमति दी है।

मनमोहन की सलाह को माना
सीडब्ल्यूसी ने मनमोहन सिंह के पूर्ण कार्यकाल के अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए एआईसीसी सत्र बुलाने की सलाह को स्वीकार किया। इसमें कहा गया कि सोनिया की सहायता के लिए समिति का गठन किया जाना चाहिए।

किसी के खिलाफ कोई दुर्भावना नहीं
वहीं सोनिया ने अपनी समापन टिप्पणी में सीडब्ल्यूसी से कहा कि पार्टी को भाजपा के खिलाफ अपनी लड़ाई में एकजुट होने की जरूरत है। वह किसी के खिलाफ कोई बीमार भावना नहीं रखती है।

कांग्रेस नेताओं ने लिखा था पत्र
बता दें कि कांग्रेस के शीर्ष 23 नेताओं की ओर से पूर्णकालिक नेतृत्व की मांग करते हुए लिखे गए पत्र के एक दिन बाद कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं ने इस चिट्ठी का विरोध किया है। पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में शामिल गुलाम नबी आजाद ने अपनी सफाई में कहा, “उन्हें सोनिया गांधी और राहुल गांधी से कोई दिक्कत नहीं है, उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की वजह से नहीं बल्कि अन्य नेताओं की ओर से लगाए गए आरोपों की वजह से इस्तीफा देने की पेशकश की है। अनुशासनात्मक कार्रवाई के आह्वान पर, पत्र लिखने वाले “असंतुष्ट” नेताओं ने कहा कि वे “सजा का सामना करने के लिए तैयार हैं” और कांग्रेस के प्रति वफादार बने रहेंगे।