नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच लद्दाख में हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए भारत के 20 जवानों को लेकर देशभर में जमकर गुस्सा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार से काफी चुभते सवाल पूछे। उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि गैलवान घाटी में जो कुछ भी हुआ क्या वह इंटेलिजेंस फेल्योर था। देश जब्त किए गए इलाके को मुक्त करने का आश्वासन चाहता है। सरकार को यह बैठक पहले बुलानी चाहिए थी।

अँधेरे में रखने का आरोप
सोनिया गांधी ने कहा कि हम सरकार से यह स्पष्ट आश्वासन चाहेंगे कि पूरे सीमा क्षेत्र में पहले की यथा स्थिति हर हालत में सुनिश्चित होगी। चीन पहले की तरह वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पुरानी स्थिति में अपनी सेना की वापसी करेगा। उन्होंने कहा कि असल में इतना समय गुजर जाने के बाद भी इस संकट के अनेक महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में हमें अंधेरे में रखा गया है।

मौकों का लाभ उठाने में नाकाम रही सरकार
उन्होंने ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का यह मानना है कि 5 मई से लेकर 6 जून के बीच का बहुमूल्य समय हमने गंवा दिया, जब दोनों देशों के कोर कमांडर्स की बैठक हुई। 6 जून की इस बैठक के बाद भी, चीन के नेतृत्व से राजनैतिक ओर कूटनीतिक स्तरों पर सीधे बात क्यों नहीं की गई। हम सभी मौकों का लाभ उठाने में नाकाम रहे। आज नतीजा यह है कि हमारे 20 बहादुर जवानों की दर्दनाक शहादत हुई ओर अनेकों घायल हुए।

सभी जानकारी साझा करने की अपील
कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम से आग्रह किया कि वह हमसे सभी जानकारी साझा करें और इस साल अप्रैल से लेकर आज तक के सारे हालात की जानकारी दें। उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि चीन की सेना ने किस तारीख को लद्दाख में अतिक्रमण किया। क्या यह 5 मई को हुआ था या पहले। उन्होंने कहा कि जब 5 मई को लद्दाख समेत कई जगह चीनी घुसपैठ की जानकारी सामने आई, तो उसके तुरंत बाद ही सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी।

चीनी सेना की सरगर्मियों का पता कैसे नहीं चला?
उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार को बॉर्डर की सैटेलाइट से तस्वीरें नहीं मिलती हैं। क्या खुफिया एजेंसियों ने बॉर्डर पर हो रही हलचल की जानकारी नहीं दी। क्या मिलिट्री इंटेलिजेंस ने सरकार को एलएसी के पास उनकी सीमा में या भारतीय सीमा की तरफ चीन द्वारा सेना को जुटाने की जानकारी नहीं दी थी। क्या यह एक खुफिया विभाग की नाकामी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की अखंडता और रक्षा के लिए पूरा देश एक साथ खड़ा है। साथ ही सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन करता है।