IIT Bombay की एक स्टडी के मुताबिक 2015-20 के पांच वर्षों में एसबीआई ने जीरो बैलेंस खातों से करीब 300 करोड़ रुपये के सर्विस चार्जेज लिए हैं. इसमें से 72 करोड़ का सर्विस चार्ज 2018-19 में और 158 करोड़ रुपये का सर्विस चार्ज 2019-20 में कलेक्ट हुआ था. एसबीआई ने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन भी एक महीने में चार से अधिक होने पर सर्विस चार्ज वसूल किए.
आईआईटी बॉम्बे की स्टडी के मुताबिक कुछ बैंकों द्वारा बीएसबीडीए पर आरबीआई रेगुलेशंस का सिस्टमैटिक उल्लंघन हुआ है. इस प्रकार के सबसे अधिक खाते एसबीआई हैं और एसबीआई ने भी आरबीआई के नियमों का सिस्टमैटिक ब्रीच किया है जब इसने एक महीने में चार से अधिक बार किए प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर चाहे वे डिजिटली किए गए हों, उन पर 17.70 रुपये की दर से चार्ज वसूल किए. बीएसबीडीए पर चार्जेज सितंबर 2013 में आरबीआई द्वारा लाए गए गाइडलाइंस के मुताबिक निर्धारित होता है और उसके मुताबिक खाताधारक को एक महीने में चार से अधिक बार निकासी का अधिकार है. हालांकि यह बैंकों के विवेक के आधार पर है कि वह इसके लिए शुल्क न वसूल करे.
आरबीआई नियमों के मुताबिक जब तक सेविंग्स डिपॉजिट अकाउंट बीएसबीडीए है, तब तक बैंक उस पर कोई सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकती है. यहां तक कि इन खातों पर बैंक वैल्यू एडेड बैंकिंग सर्विसेज को लेकर भी चार्ज नहीं वसूल कर सकती जिसे बैंक अपने विवेक के आधार पर ऑफर करती है. आरबीआई एक महीने में चार से अधिक बार विदड्रॉल को वैल्यू-एडेड सर्विस मानती है.
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