टीम इंस्टेंटखबर
उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले निषाद समाज पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा कि उनके समुदाय के लोग तब तक वोट नहीं देंगे जब तक आरक्षण नहीं दिया जाता है. भाजपा ने वादा पूरा नहीं किया तो गठबंधन पर भी असर पड़ सकता है.
हाल ही में संजय निषाद ने कहा था कि आरक्षण के मुद्दे को लेकर एक रथ यात्रा निकाली गई है. उनके समाज को जब तक आरक्षण का लाभ नहीं मिल जाता है तब तक वो इसके लिए लड़ाई लड़ते रहेंगे. इस मुद्दे पर विचार करने के लिए दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सरकार लगी हुई है.
बता दें कि, उत्तर प्रदेश की राजनीति में जाति आधारित पार्टियों की भूमिका महत्वपूर्ण है. ये पार्टियां मुख्य तौर पर पिछड़ी जातियों की हैं. इन्हीं पिछड़ी जातियों में से एक प्रमुख जाति है, निषाद. मछली मारने या जिनकी रोजी-रोटी नदियों-तालाबों पर निर्भर है, वैसी जातियां इसमें आती हैं. इसमें केवट, बिंद, मल्लाह, कश्यप, नोनिया, मांझी, गोंड जैसी जातियां हैं. उत्तर प्रदेश की करीब 5 दर्जन विधानसभा सीटों पर इनकी अच्छी-खासी आबादी है. इसलिए निषाद समुदाय राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण बन गया है.
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