अवैध निवेश सहित विदेश में संपत्ति छुपाने का दावा करने वाले पंडोरा पेपर्स रिपोर्ट में दुनिया भर की कई नामी हस्तियों, नेताओ, उद्योगपतियों के साथ मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का भी नाम है। साथ ही अदालत में अपनी इनकम को शून्य बता चुके उद्योगपति अनिल अम्बानी का नाम भी इस में शामिल है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक क्रिकेटर और राज्य सभा सांसद रहे सचिन तेंदुलकर सहित उनके परिवार के कुछ और सदस्यों के नाम भी पंडोरा पेपर्स में हैं। रिपोर्ट के अनुसार सचिन और उनके परिवार के सदस्य ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स (BVI) में एक कंपनी में ‘बेनिफिशियल ओनर्स’ थे।

वहीँ अनिल अंबानी और उनके सहयोगियों की जर्सी, ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स (बीवीआई) और साइप्रस में 18 ऑफशोर कंपनियां हैं. 2007 से 2010 के बीच में बनाई गई इन कंपनियों ने करीब 1 खरब रुपये या तो कर्ज लिया या निवेश किया. जर्सी में अनिल अंबानी की तीन कंपनियां- बेस्टिस्ट अनलिमिटेड, रेडियम अनलिमिटेड और हुइ इनवेस्टमेंट अनलिमिटेड हैं जिन्हें 2007-08 के बीच बनाया गया.

बैटिस्ट अनलिमिटेड और रेडियम अनलिमिटेड का स्वामित्व रिलायंस इनोवेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के पास है, जो एडीए ग्रुप की अंतिम होल्डिंग कंपनी है. हुइ इन्वेस्टमेंट अनलिमिटेड का स्वामित्व एएए एंटरप्राइजेज लिमिटेड (2014 से रिलायंस इनसेप्टम प्राइवेट लिमिटेड) के पास है, जो रिलायंस कैपिटल की प्रमोटर कंपनी है.

रिकॉर्ड यह भी दिखाते हैं कि जनवरी 2008 में जर्सी में शामिल दो अन्य कंपनियां – समरहिल लिमिटेड और डुलविच लिमिटेड – का स्वामित्व अनिल अंबानी के प्रतिनिधि के पास है, जिन्हें अनूप दलाल के रूप में पहचाना जाता है.

दलाल के पास एक बीवीआई कंपनी – रेनडियर होल्डिंग्स लिमिटेड भी थी- जिसका उपयोग निवेश प्रबंधन के लिए किया गया था.

रिपोर्ट के मुताबिक इसमें सचिन के परिवार के सदस्यों में पत्नी अंजली तेंदुलकर और ससुर आनंद मेहता के BVI की कंपनी सास इंटरनेशन लिमिटेड में बीओ और डायरेक्टर के तौर पर नाम थे।

बाद में इस कंपनी को 2016 में लिक्वीडेट कर दिया गया। रिपोर्ट के अनुसार पनामा पेपर्स मामले के खुलासे के करीब तीन महीने बाद ऐसा किया गया।

वहीं, पूरे मामले पर सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन के सीईओ और निदेशक म्रिनमॉय मुखर्जी से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने दावा किया कि पूर्व क्रिकेटर का निवेश जायज है। उन्होंने कहा कि पूर्व क्रिकेटर का निवेश वैध है और इसे कर अधिकारियों के सामने घोषित किया गया है।

क्या है पंडोरा पेपर्स लीक मामला
पंडोरा पेपर्स लीक संबंधी रिपोर्ट इंटरनेशनल कंसोर्टियम आफ इंवेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट्स (आइसीआइजे) की ओर से जारी किया गया है। दुनिया भर के 117 देशों के 600 से अधिक पत्रकारों ने करीब 12 मिलियन दस्तावेजों की जांच के बाद वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित खुलासा किया है।

पेंडोरा पेपर्स के जरिए मुख्य तौर पर यह खुलासा किया गया है कि कैसे दुनिया के कई अमीर और शक्तिशाली लोग अपनी संपत्ति छिपा रहे हैं। इसके लिए सैकड़ों पत्रकारों ने महीनों तक दस्तावेजों की जांच की। इस रिपोर्ट में भारत के 300 तो पाकिस्तान के 700 से अधिक लोगों के नाम हैं।

पंडोरा पेपर में जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर, चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री आंद्रेज बाबिस, केन्या के राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा और इक्वाडोर के राष्ट्रपति गुइलेर्मो लासो के अलावा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी के नाम भी शामिल हैं।