टीम इंस्टेंटखबर
लखीमपुर में हुई हिंसा में अब मरने वालों की संख्या 10 हो गयी है, इस बीच इस बात का खुलासा हो गया है कि किसानों को रौंदने वाली कार केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के नाम है जिसे उनका सुपुत्र चला रहा था.

वहीँ कार से कुचलकर मरने वाले मृतक दलजीत सिंह के बेटे राजदीप ने कल की घटना में कई चौंकाने वाली बात कही. उसके मुताबिक, वो अपने पिता के साथ कल तिकुनिया में आंदोलन में शामिल होने के लिए गया था. उसके मुताबिक नानपारा से 20-30 लोग मोटरसाइकिल से आंदोलन में शामिल होने गए थे, जब किसान वहां थे, उसी दौरान तीन गाड़ियां आई और उसके पिता समेत कई किसानों को कुचल दिया, वहां एम्बुलेंस न होने पर वो मोटरसाइकिल लेने गया तब तक एम्बुलेंस आई, लेकिन रास्ते में उसके पिता की मौत हो गई.

मृतक दलजीत के बेटे राजदीप ने कहा कि मंत्री का बेटा गाड़ियां लेकर आया था, उसी ने सभी को कुचल दिया और उसकी फायरिंग से किसान की मौत हुई है. उसका कहना है कि उसे इंसाफ चाहिए.

यह तो तय है कि इस मामले में बीजेपी सरकार की तानाशाही खुलकर सामने आ चुकी है. सबूत खुले तौर पर सामने होने के बावजूद सरकार एकदम खामोश है. सरकार ने अभी तक उस व्यक्ति को हिरासत तक में नहीं लिया है जिस पर आरोप है कि उसने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी. जो सबूत सामने आ रहे हैं उससे स्पष्ट है कि जिस गाड़ी को किसानों पर चढाया गया वह केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के नाम है.

अभी तक सरकार की ओर से चार किसानों की मौत पर संवेदना का एक शब्द भी सामने नहीं नहीं आया है. इतना ही नहीं किसानों को अपने प्रियजनों के शवों की रखवाली भी करनी पड़ रही है, क्योंकि परिजनों को डर है उत्तर प्रदेश सरकार शवों को छीनकर आनन-फानन अंतिम संस्कार कर देगी. मथुरा में प्रदेश सरकार ऐसा कर चुकी है जब गैंग रेप पीड़िता का शव जबरन जला दिया गया था.