टीम इंस्टेंटखबर
यूक्रेन संकट के बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मंगलवार को रूस के पांच बड़े बैंकों पर प्रतिबंध लगा दिया. वहीं जर्मनी ने रूसी गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया है. उधर अमेरिका ने भी रूस पर पाबंदियों का ऐलान किया है.

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने पुतिन पर यूक्रेन की संप्रभुता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. जॉनसन ने कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून को तार-तार कर दिया है. जॉनसन ने कहा, ‘उन्होंने सैनिकों को अंदर भेजा है, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ा है,

उन्होंने आगाह किया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ‘यूक्रेन के खिलाफ पूर्ण युद्ध’ शुरू करने को लेकर अड़े हुए हैं. दरअसल, पूर्वी यूक्रेन में दो अलग-अलग क्षेत्रों को मान्यता देने के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निर्णय के मद्देनजर सुबह कैबिनेट ऑफिस ब्रीफिंग रूम-ए (कोबरा) की आपातकालीन बैठक के बाद वह बोल रहे थे.

यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक में ब्रिटेन की राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने कहा, ‘ब्रिटेन अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन और यूक्रेन की संप्रभुता-अखंडता पर हमले के जवाब में रूस पर नए प्रतिबंध लगाने का ऐलान करेगा.इसकी किसी भी कार्रवाई के गंभीर आर्थिक नतीजे होंगे.’

उन्होंने कहा कि इस परिषद को एकजुट होकर रूस से तुरंत तनाव कम करने का आह्वान करने समेत एक संप्रभु राष्ट्र के खिलाफ आक्रामकता की निंदा करनी चाहिए.

उन्होंने यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता की एकजुट होकर रक्षा करने की बात कही. यूके के विदेश सचिव लिज ट्रस ने पुष्टि की कि रूस से जुड़े लोगों और संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी चल रही है और इसके लिए हालिया कानूनों का इस्तेमाल किया जाएगा.

इस महीने की शुरुआत में ब्रिटिश सरकार ने नया कानून पारित किया जिसमें यूक्रेन में रूसी कार्रवाई से जुड़े लोगों पर प्रतिबंध लगाने की शक्तियों में बढ़ोतरी की गई है.

इस कानून ने सरकार को रासायनिक, रक्षा, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) और वित्तीय सेवा उद्योग जैसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में रूसी व्यवसायों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने की शक्तियां दी गई हैं. अमेरिका, फ्रांस और यूरोपीय संघ सहित ब्रिटेन के कई पश्चिमी सहयोगियों ने पुतिन के कदम की निंदा करते हुए प्रतिबंध लगाने का वादा किया है.

गौरतलब है कि पुतिन ने स्व-घोषित पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ दोनेस्क और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ लुहान्स्क के रूप में पूर्वी यूक्रेन के दो क्षेत्रों की आजादी को मान्याता देने वाली एक राजाज्ञा पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसकी पश्चिमी देश निंदा कर रहे हैं. रूसी समर्थित विद्रोही वर्ष 2014 से उन क्षेत्रों में यूक्रेनी सेना से लड़ रहे हैं. आशंका है कि रूस द्वारा मान्यता प्राप्त क्षेत्रों पर कब्जा करने के लिए सैन्य बल यूक्रेन की सीमाओं को पार कर सकते हैं. पुतिन ने कहा है कि दो विद्रोही क्षेत्रों में जाने वाले सैनिक ‘शांति व्यवस्था’ का काम पूरा करेंगे.