मथुरा:
रेलिगेयर ग्रुप प्रेम महाविद्यालय की विरासत को पुनर्जीवित करने और पुनरोद्धार करने के लिए एक परियोजना की शुरुआत करने जा रहा है. महाराजा महेंद्र प्रताप सिंह ने 112 साल पहले प्रेम महाविद्यालय की शुरुआत की थी. यह शैक्षणिक संस्थान धार्मिक श्रद्धा से जुड़े एक तीर्थस्थान में है. समय के साथ एक समय में आलीशान एवं शानदार रही इमारत कमजोर और जीर्ण-शीर्ण हो गई. रेलिगेयर ग्रुप ने छात्रों के फायदे के लिए सभी जरूरी सुख-सुविधाओं से लैस संस्थान विकसित करने का संकल्प लिया है.

राजा जी ने 1909 में महल को दान में दिया था. राजा जी ने इसे शैक्षणिक संस्थान बनाने के लिए इसे डोनेट किया था. महात्मा गांधी, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर, लाला लाजपत राय, मदन मोहन मालवीय जैसे भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने इस संस्थान का दौरा किया था. अपने सुनहरे दिनों में इसे एक प्रीमियम शैक्षणिक संस्थान माना जाता है. भारत की आजादी की लड़ाई में यह महल कई स्वतंत्रता सेनानियों के लिए प्रेरणा का एक स्रोत बन गया था. ब्रिटिश शासन के दौरान यह स्वतंत्रता सेनानियों के इकट्ठा होने का स्थल बन गया था.

रेलिगेयर ग्रुप अब एक बार फिर प्रेम महाविद्यालय इंटर कॉलेज की पुरानी गरिमा को वापस लाने का प्रयास कर रहा है. क्लास रूम के अलावा ग्रुप लाइब्रेरी, साइंस लैब, कंप्यूटर लैब, ऑडिटोरियम, स्टाफ रूम, एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिस इत्यादि जैसी फैसिलिटीज के निर्माण में मदद कर रहा है. ट्रेजरी, राजा जी के कमरे और बेसमेंट को संग्रहालय (म्यूजियम) में तब्दील किया जाएगा. इससे आगंतुकों को दूरदर्शी संस्थापक

महाराजा महेंद्र प्रताप सिंह के बारे में जानकारी मिलेगी. उक्त एरिया में संस्थापक की व्यक्तिगत छाप देखने को मिलेगी.

ग्रुप ने इस प्रोजेक्ट के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का संकल्प जताया है. वहीं आज, मथुरा में संस्थान के परिसर में भूमि पूजन के साथ निर्माण गतिविधियों की शुरुआत हुई. श्री कौशल महाराज जी, मथुरा के डीएम नवनीत चाहल, डीसीपी ब्रृजेंद्र यादव, यूपी ब्रज तीर्थ विकास परिषद की वाइस-चेयरपर्सन डॉ. मंजरी मिश्रा और डॉ. शैलजा कांत मिश्रा, स्टेट टैक्स डिपार्टमेंट में स्पेशल सेक्रेटरी सर्वज्ञ मिश्रा, डॉ. ललित बिहारी गोस्वामी (बृज शिक्षा कायाकल्प) एवं एमवीडीए के वीसी नागेंद्र प्रताप ने जैसे गणमान्य लोगों ने औपचारिक तौर पर इस प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया.

रेलिगेयर भारत के छात्र समुदाय के बीच हमारे देश की समृद्ध शैक्षणिक विरासत को लेकर गर्व की भावना को प्रोत्साहित करना चाहता है. प्रेम महाविद्यालय के पुनरोद्धार से जुड़ी पहल भारत के शैक्षणिक केंद्रों के विकास और देश के शानदार शैक्षणिक इतिहास में उन्हें दोबारा स्थापित करने के प्रयासों का हिस्सा है.

आरईएल की एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन डॉ. रश्मि सलूजा ने इस महत्वाकांक्षी पहल के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा, “रेलिगेयर में हम चाहते हैं कि भारत का छात्रों का समूह हमारे महान देश के समृद्ध एवं विविधता से भरी शैक्षणिक विरासत की सराहना करे. भारत की पारंपरिक शिक्षा व्यवस्था ने दुनिया को कुछ सबसे प्रतिष्ठित विद्वान एवं दार्शनिक दिए हैं. हमें प्रेम महाविद्यालय इंटर कॉलेज के जीर्णोद्धार को लेकर काफी गर्व महसूस कर रहे हैं; हम महाराजा महेंद्र प्रताप सिंह की खोई हुई विरासत को वापस लाना चाहते हैं और इसके साथ ही साथ भारत के छात्रों को समृद्धि शैक्षणिक और अकादमिक इतिहास से परिचित कराने के लिए एक छोटी सी कोशिश कर रहे हैं. हमारी पहल अकादमिक उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में क्षेत्र की प्रतिष्ठा को दोबारा स्थापित करने की है.”