नई दिल्ली: बामनौली गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान को दिल्ली की गद्दी और अपने खेत दोनों पर अपनी निगाह रखनी होगी। दिल्ली से किसान की निगाह हटी तो दुर्घटना घटी और फिर अगले 30 साल में किसान के पास जमीन नहीं बचेगी।
किसान भी वही और ट्रैक्टर भी वही
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि दिल्ली कान खोलकर सुन ले, किसान भी वही है और ट्रैक्टर भी वही है। इस बार 40 लाख ट्रैक्टर आएंगे और दिल्ली के पार्कों में ट्रैक्टर चलेंगे। टिकैत ने कहा कि यह किसान के हक की लड़ाई है। किसान अगर इस बार कमजोर पड़ा तो 30 साल बाद उसके पास जमीन नहीं बचेगी। किसान की जमीन पर किसी और का कब्जा होगा। एमएसपी पर कानून अनिवार्य है। इसके बाद ही किसान बर्बाद होने से बचेगा अन्यथा किसान आज बर्बादी के मुहाने पर है। किसान को फसलों के दाम नहीं मिल रहे है। किसान गन्ने की फसल को मिलों में डाल देता है, लेकिन उसका भुगतान समय पर नहीं मिलता।
गन्ने को भी डिजिटल इंडिया से जोड़ने की मांग
उन्होंने कहा कि किसान के गन्ने को भी डिजिटल इंडिया से जोड़ने की मांग है ताकि गन्ना डालने के बाद वह घर पहुंचे तो उसे भुगतान मिल जाये। भुगतान के लिए धक्के न खाने पड़े। आज किसान को ताकत दिखानी होगी। दिल्ली पर कब्जा रखना होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली की गद्दी पर तोमरो का कब्जा रहा है। एक बार फिर उन्हें अपनी ताकत दिखानी होगी।
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