राज्यसभा चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है। विधानसभा में समाजवादी पार्टी के चीफ व्हिप मनोज पांडेय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को भेजे पत्र में अपने पद से इस्तीफा देने की जानकारी दी। मनोज पांडेय की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की भी संभावना है। वहीं, अखिलेश यादव के निर्देश पर मनोज पांडेय की नेम प्लेट विधानसभा से हटा दी गई है।

सपा विधायक मनोज कुमार पांडे के इस्तीफे पर मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि मनोज पांडे हमेशा से सनातन धर्म के समर्थक रहे हैं। वह हमेशा इसी को लेकर बयान देते रहे हैं। वे चाहते थे कि सभी लोग अयोध्या आएं और दर्शन करें। यही वजह है कि वे पीएम मोदी के नेतृत्व में विश्वास दिखा रहे हैं और ऐसा निर्णय ले रहे हैं।

मनोज कुमार पांडेय ऊंचाहार से विधायक हैं। उनका जन्म 15 अप्रैल 1968 को रायबरेली में हुआ। वे 2012 से विधायक हैं। वे सपा की अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर से शिक्षा ग्रहण की है।

बता दें कि पहले से अंदेशा जताया जा रहा था कि सपा के कुछ विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। मनोज पांडेय का इस्तीफा इसी अटकलों के बीच आया है। बीजेपी के 8 और सपा के तीन उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। बीजेपी की तरफ से आठवां उम्मीदवार उतारने के बाद मुकाबला रोचक हो गया है। आठवें उम्मीदवार को जिताने के लिए बीजेपी के पास 10 वोट कम हैं।

यूपी विधानसभा में कुल 403 सदस्य हैं। इसमें बीजेपी के पास 252, जबकि सपा के पास 108 हैं। इसके अलावा, सपा की गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के पास 2 सीटें हैं, जबकि बीजेपी की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के पास 13, निषाद पार्टी के पास 6, राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के पास 9, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के पास 6, जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के पास 2 और बसपा के पास एक सीट है। चार सीटें रिक्त हैं।