30 नवंबर को जब एग्जिट पोल आए तब राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को भी पीछे छोड़कर महंत बालकनाथ योगी सबसे आगे किये गए। लेकिन मुख्यमंत्री की कौन कहे, नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार के कैबिनेट में भी मुख्यमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार को जगह नहीं मिली.

दरअसल, बीजेपी ने राजस्थान के चुनाव में महारानी दीया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, देवजी पटेल, नरेंद्र खीचड़, भगीरथ चौधरी और बाबा बालकनाथ समेत कुल सात सांसदों को चुनाव मैदान में उतारा था. इनमें राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा का नाम भी शामिल था. हरियाणा के रोहतक स्थित बाबा मस्तनाथ पीठ के महंत बालकनाथ योगी भी तिजारा सीट से मैदान में थे.

बाबा बालकनाथ भी उसी नाथ संप्रदाय से आते हैं, जिससे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. बाबा बालकनाथ की लोकप्रियता का ग्राफ इतनी तेजी से चढ़ा कि वह दो पूर्व की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी पीछे छोड़ते हुए बीजेपी की ओर से सीएम के लिए सबसे लोकप्रिय चेहरा बन गए. एग्जिट पोल में सीएम के लिए 10 फीसदी लोगों की पसंद के साथ बालकनाथ तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत के बाद दूसरे नंबर पर थे.