इसे कहते हैं सर मुंडाते ही ओले पड़ना, राजस्थान में नए-नए मुख्यमंत्री बने भजनलाल शर्मा को उस समय पहला तगड़ा झटका तब लगा जब श्री करणपुर विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी की करारी हार हुई है। उन्हें कांग्रेस के रुपिंदर सिंह कुन्नर ने हराया है। दरअसल कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के चलते नवंबर महीने में हुए विधानसभा चुनाव में यहां मतदान नहीं हो पाया था। कांग्रेस ने स्थगित हुए इस चुनाव में गुरमीत सिंह कुन्नर के बेटे रुपिंदर को अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा था।

उधर भाजपा ने सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को न केवल मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री बना दिया बल्कि उन्हें 4 अहम पोर्टफोलियो भी दे दिए थे। इस पर कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए इसे मतदाताओं को लुभाने की कोशिश बताया था और चुनाव आयोग से इसकी शिकायत भी की थी। पांच जनवरी को श्री करणपुर विधानसभा के लिए वोटिंग हुई थी और आज उसके नतीजे आए जिसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित भाजपा के तमाम बड़े नेताओं के चुनाव प्रचार के बाद भी सुरेंद्र पाल सिंह नहीं जीत सके।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा ने कहा है कि करणपुर की जनता और कार्यकर्ताओं को बधाइयां। जीतने के बाद भाजपा सरकार कोई काम नहीं कर रही थी। उन्होंने एक महीना मंत्रिमंडल गठित करने में लगा दिया। 10 दिन उनका विभाग बांटने में लगा दिए। बाकी समय कांग्रेस सरकार की योजनाओं के नाम बदलने में लगा दिए। आदर्श आचार संहिता का भी बीजेपी ने उल्लंघन किया। चुनाव जीतने से पहले ही सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को मंत्री पद के शपथ दिला दी। बावजूद इसके चुनाव आयोग मौन रहा, लेकिन जनता ने अपना जवाब दे दिया।

उन्होंने कहा कि करणपुर की जनता ने गुरमीत सिंह कुन्नर को सच्ची श्रद्धांजलि दी है। डोटासरा ने कहा कि मैं सरकार को बिना मांगे एक सलाह देना चाहता हूं। दिल्ली से पर्ची लाकर सरकार चलाने की बजाय जन भावनाओं का ख्याल रखें। आपको 5 साल सरकार चलाने के लिए जनता ने मौका दिया है। इस जीत से हमारे कार्यकर्ताओं में उत्साह है। आगामी लोकसभा चुनाव में हम कांग्रेस को अच्छी सीटें देकर भेजेंगे। एनडीए की सरकार दिल्ली से भी इस बार जाएगी।