टीम इंस्टेंटखबर
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार को पुणे में एक रैली को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि परसो जो मैंने अयोध्या दौरे को कुछ समय के लिए रद्द किया था, उससे कई लोग नाराज़ थे, कई बयानबाज़ी कर रहे थे. इसलिए दो दिन मैंने कुछ नहीं कहा, लोगों को जो बोलना था, वो बोलने दिया,आज मैं अपनी भूमिका महाराष्ट्र और देश को बताऊंगा.

लाउडस्पीकर बंद करने के ऐलान के बाद मैंने पुणे में ही कहा था कि अयोध्या जाऊंगा. उसके बाद बयानबाज़ी शुरू हुई कि अयोध्या आने नहीं देंगे. मैं सब सुन रहा था और उसके बाद मुझे समझ आया कि यह सब एक trap है, एक षड्यंत्र है, जिसमें फंसना नहीं चाहिए. क्योंकि इन सभी चीजों की शुरुआत महाराष्ट्र से हुई. जिन लोगों को नहीं पसंद की मैं अयोध्या जाऊं, उन्होंने बहुत कुछ किया. मैं अयोध्या जाऊंगा ही.

जो माहौल अभी बनाया जा रहा है, अगर मैं अब ज़िद्द कर जाता हूं तो आपके जैसे लाखों लोग वहां आते, और अगर कुछ होता तो हमारे लोग चुप नहीं बैठते. आप लोगों पर मामला दर्ज कर जेल में डाला जाता. मैंने यही सोचा कि आपलोगों को मैं परेशान नहीं करना चाहता. चुनाव से ठीक पहले आप सभी को जेल में डाल दिया जाता और चुनाव के समय यहां कोई नहीं होता. यह सब trap है. यह संभव नहीं कि एक सांसद उठकर मुख्यमंत्री को आह्वान दें. यह सब सोची समझी साजिश है.

उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर एक दिन का आंदोलन नहीं है. अगर इसपर लगातार नहीं कहा गया तो सब दोबारा शुरू होगा. वो केवल देख रहे हैं कि आप कब भूलते हैं और आवाज़ बढ़ाई जाती है. इसलिए इस मुद्दे को एक बार में ही खत्म कर दिया जाए. कुछ दिनों में एक पत्र दूंगा, हर घर में पहुंचाओ. इसे एक बार में खत्म करना है. केवल सड़क पर उतरकर आंदोलन नहीं होता है. अबतक हमारे पार्टी के 28000 कार्यकर्ताओं को नोटिस दिया गया. जो कानून मान रहे हैं, उन्हें नोटिस दिया जाता है, तड़ीपार किया जाता है आए जो नियम नहीं मानता, उनके साथ चर्चा की जाती है. इसपर चर्चा क्यों करना है? मराठी हिंदुओं पर मामले दर्ज किए जा रहे हैं.