लखनऊ: कोरोना संक्रमण को लेकर अफवाह फैलाने वालों को चिहिंत करने के मुख्यमंत्री के बयान और इन पर कार्यवाही करने के एडीजी, पुलिस के आदेश की कड़ी आलोचना करते हुए आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व आई जी एस. आर. दारापुरी ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि कोरोना महामारी में लोगों को आक्सीजन जैसी न्यूनतम सुविधा देने, इलाज मुहैया कराने और हर मोर्चे पर नाकाम मुख्यमंत्री अब अपनी सरकार की आलोचना पर दमन की धमकी दे रहे हैं जो लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है।
आइपीएफ प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के कोविड इलाज के लिए बने एक लाख बेड और अस्पताल कहां हैं, प्रदेश में यदि आक्सीजन की कमी नहीं है तो आगरा से लेकर राजधानी लखनऊ, अयोध्या तक में आक्सीजन के लिए मारामारी क्यों है, सरकार ने होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना पीड़ितों को आक्सीजन देने पर रोक क्यों लगाई, आखिर सरकारी ओपीडी बंद कर क्यों सरकार ने अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों की जान को जोखिम में डाला, अब के बजट में कोरोना महामारी से निपटने के लिए एक पैसा भी क्यों नहीं आवंटित किया गया। मुख्यमंत्री को राजधर्म का पालन करते हुए जनता में उठ रहे इन सवालों का जवाब देना चाहिए न कि सवालों को उठाने वालों को दमन की धमकी देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अब तो भाजपा के सांसद तक प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के खिलाफ धरना देने की बात कर रहे हैं, भाजपा के विधायक तक की जान चली गई और आम आदमी ही नहीं समाज का सम्भ्रांत हिस्सा भी बेमौत मर रहा है। इसलिए मुख्यमंत्री और उनकी सरकार को प्रदेश में तत्काल कोरोना महामारी से बचाव के लिए काम करना चाहिए, आक्सीजन की आपूर्ति हर हाल में सुनिश्चित करनी चाहिए और हवा हवाई बयानबाजी और दमन में वक्त जाया नहीं करना चाहिए।
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