जयपुर: राजस्थान में सियासी उठापठक के बीच शुक्रवार को सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि हमने कल (23 जुलाई) राज्यपाल महोदय को पत्र भेजकर निवेदन किया था कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए और उसमें राजनीतिक हालात, कोरोना पर चर्चा हो। लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। हमारा मानना है कि ऊपर से दबाव के कारण मजबूरी में वो विधानसभा बुलाने के निर्देश नहीं दे रहे हैं।

राज्यपाल पर पर दबाव
अशोक गहलोत ने राज्यपाल के जरिए बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि हम विधानसभा सत्र बुलाना चाहते हैं लेकिन हमें मौका नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल ऊपर से आ रहे दबाव के चलते राज्यपाल विधानसभा सत्र बुलाने का निर्देश नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम सोमवार से विधानसभा का सत्र बुलाना चाहते हैं, जहां दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.

कोरोना काल में सरकार गिराने की साज़िश
अशोक गहलोत ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा जहां एक तरफ कोरोना जैसा संकट देश में आया हुआ है तो देश में राज्य सरकारे गिराने की साजिश रची जा रही है. उन्होंने कहा कि हमारे पास बहुमत है. बीजेपी ने विधायकों को बंधक बनाया हुआ है. वह भी हमारे ही साथी है लेकिन उन्हें बंधक बनाया गया है. उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा कि राज्यपाल क्यों नहीं दे रहे विधानसभा सत्र बुलाने की मंजूरी.

जनता कर सकती है राजभवन का घेराव
इतिहास का हवाला देते अशोक गहलोत ने कहा कि देश ने ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी. देश में कई सरकारें आईं लेकिन ऐसे हालात कभी नहीं हुए. सीएम गहलोत ने कहा कि बीजेपी लोकतंत्र को खतरे में डाल रही है. एजेंसियों से छापे पड़वा रही है. देश ने ऐसा नंगा नाच कभी नहीं देखा. उन्होंने कहा, ‘ राज्यपाल ने जो शपथ ली है उस के हिसाब से काम करें वरना राजस्थान की जनता राजभवन का घेराव करेगी और हम कुछ नहीं कर पाएंगे.