नई दिल्ली: प्रवासी मजदूरों के लिए बसें मुहैया कराने को लेकर कांग्रेस पार्टी और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के बीच चल रहा आरोप-प्रत्यारोप एक तीखे मोड़ पर पहुंच गया है। उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि बसों की जो सूची उपलब्ध कराई गई है, उनमें ऑटो और दूसरे वाहनों के भी नंबर हैं। इस सिलसिले में मंगलवार की शाम लखनऊ के हजरतगंज थाने में प्रियंका गांधी वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह और उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है।

हालांकि लखनऊ आरटीओ के पत्र के अनुसार 1049 वाहनों में से 938 बसें हैं। आरटीओ की ओर से पुलिस को वाहनों के बारे में जो जानकारी दी गई है उसमें साफ है कि कांगेस की ओर से जो 1049 वाहनों की संख्या दी गई है, उसमें 879 तो सीधे तौर पर बस हैं और 59 स्कूल बस हैं। यानी 938 बसें तो प्रशासन द्वारा ही सत्यापित की गई हैं। आरटीओ ने इसमें कहा है कि वाहन डाटा बेस द्वारा इन वाहनों के सत्यापन के बाद यह आंकड़े सामने आए है। इसके अनुसार बाकी अन्य तरह के वाहन हैं।

प्रियंका ने ट्वीट किया, “उप्र सरकार का खुद का बयान है कि हमारी 1049 बसों में से 879 बसें जांच में सही पाई गईं। ऊंचा नागला बॉर्डर पर आपके प्रशासन ने हमारी 500 बसों से ज्यादा बसों को घंटों से रोक रखा है। इधर दिल्ली बॉर्डर पर भी 300 से ज्यादा बसें पहुंच रही हैं। कृपया इन 879 बसों को तो चलने दीजिए। हम आपको कल 200 बसें की नयी सूची दिलाकर बसें उपलब्ध करा देंगे। बेशक आप इस सूची की भी जांच कीजिएगा। लोग बहुत कष्ट में हैं, दुखी हैं। हम और देर नहीं कर सकते।”

इससे पहले प्रियंका ने एक और ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था, “उप्र सरकार ने हद कर दी है। जब राजनीतिक परहेजों को परे करते हुए त्रस्त और असहाय प्रवासी भाई बहनों को मदद करने का मौका मिला तो दुनिया भर की बाधाएं सामने रख दी। योगी आदित्यनाथ जी इन बसों पर आप चाहें तो भाजपा का बैनर लगा दीजिए, अपने पोस्टर बेशक लगा दीजिए लेकिन हमारे सेवा भाव को मत ठुकराइए क्योंकि इस राजनीतिक खिलवाड़ में तीन दिन व्यर्थ हो चुके हैं। और इन तीन दिनों में हमारे देशवासी सड़कों पर चलते हुए दम तोड़ रहे हैं।”