लखनऊ:
इरम यूनानी मेडिकल कॉलेज,लखनऊ में “विश्व हृदय दिवस, रेबीज़ दिवस एवं गर्भनिरोधक दिवस” ​​से संबन्धित एक संयुक्त सेमिनार का आयोजन मेडिसिन विभाग एवं प्रसूती एवं स्त्री रोग विभाग के तत्वाधान तथा बीयूएमएस बैच 2018 अंतिम वर्ष की भागीदारी से कॉलेज के हकीम अजमल खान सेमिनार हॉल में किया गया। सेमिनार में छात्रों ने उपरोक्त “मेडिकल डेज़” से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर उत्कृष्ट अकादमिक पेपर प्रस्तुत किये।

छात्रों के ज्ञान में वृद्धि करते हुए कॉलेज के शिक्षक प्रोo मुहम्मद आरिफ़ इस्लाही (अध्यक्ष मेडिसिन विभाग), डॉo अनीस अहमद (एसोसिएट प्रोफेसर सर्जरी विभाग), डॉo आसिया परवीन (एसोसिएट प्रोफेसर फार्माकोलॉजी विभाग) एवं डॉo मुहम्मद तारिक़ सिद्दीक़ी (असिस्टेंट प्रोफ़ेसर मेडिसिन विभाग) ने वैश्विक स्तर पर जनमानस की बदलती एवं असंयमित जीवनशैली के नकारात्मक प्रभावों के संदर्भ में अपने वैज्ञानिक और प्रायोगिक व्याख्यानों में बहुत सारी जानकारी प्रदान की, उन्हों ने इसे जांचने और स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए विभिन्न उपयोगी तथा सकारात्मक उपायों की जानकारी दी।

सेमिनार में छात्रों को संबोधित करते हुए कॉलेज के प्राचार्य प्रोफ़ेसर अब्दुल हलीम क़ासमी ने कहा कि वर्तमान युग में हृदय रोगों के तेज़ी से बढ़ते ख़तरों एवं अचानक होने वाली मौतों का सबसे महत्वपूर्ण कारण प्रकृति के नियमों एवं सिद्धांतों के विरुद्ध हमारा दैनिक जीवन जीना है। उन्होंने आगे कहा कि हृदय के साथ-साथ पूरे शरीर के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए व्यक्ति को वर्तमान की चकाचौंध और अत्यधिक महत्वाकांछाओं से प्रभावित हुए बिना अपनी जीवनशैली और कार्यों में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए।

ज्ञात हो कि हृदय रोगों के खतरों और इससे बचाव के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए वर्ष 1999 से निरंतर प्रत्येक वर्ष 29 सितंबर को “विश्व हृदय दिवस” ​​मनाया जाता है।