नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ‘यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल’ (US-India Business Council) की तरफ से आयोजित इंडिया आइडियाज समिट (India Ideas Summit) को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत में निवेश का अवसर काफी बड़ा है।

निवेश के लिए आमंत्रण
पीएम मोदी ने कहा कि भारत आपको अपने किसानों की मेहनत में निवेश करने के लिए आमंत्रित करता है। भारत हेल्थ सेक्टर (health sector) में निवेश करने के लिए आपको आमंत्रित करता है। उन्होंने कहा कि हमारा हेल्थकेयर सेक्टर 22 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग की घरेलू क्षमता को बढ़ाना होगा। देश की वित्तीय संस्थाओं को मजबूत करना होगा। मोदी ने कहा कि आज दुनिया भारत की ओर देख रही है।

गिनाये फायदे
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश करने के लिए आप आमंत्रित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में अब तक का सबसे बड़ा इन्फ्रास्टक्चर निर्माण चल रहा है। डिफेंस सेक्टर को लेकर पीएम मोदी ने अमेरिकी कंपनियों को निवेश करने का आमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि हम डिफेंस में निवेश के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को बढ़ाकर 74 फीसदी कर रहे हैं।

‘यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल’ को 45 वर्ष पूरे हुए
‘यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल’ (US-India Business Council) की तरफ से इस समिट का आयोजन किया जा रहा है। इस साल ‘यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल’ के गठन के 45 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। इसी मौके पर ये खास कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। इसमें प्रधानमंत्री ने फाइनेंस और बीमा सेक्टर में अमेरिकी उद्यमियों को निवेश के लिए आमंत्रित किया।

भारत-अमेरिकी संबंधों पर चर्चा
शिखर सम्मेलन के दौरान दौरान कोरोना महामारी के बाद की दुनिया में भारत-अमेरिकी सहयोग और उनके संबंधों पर चर्चा हुई। इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान जारी किया था कि इस साल के ‘इंडिया आइडियाज समिट’ की विषयवस्तु ‘बेहतर भविष्य का निर्माण’ है।

इन लोगों ने भी किया सम्बोधित
इस साल के शिखर सम्मेलन को संबोधित करने वालों में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ, वर्जीनिया के सीनेटर मार्क वार्नर और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली शामिल हैं। बयान में कहा गया, ‘‘शिखर सम्मेलन में महामारी के बाद की दुनिया में भारत-अमेरिकी सहयोग और दोनों देशों के बीच भविष्य में रिश्ते जैसे विषयों पर चर्चा होगी।’’