नई दिल्लीः लॉकडाउन के चलते देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूर, छात्र और पर्यटक अपने घर जा सकेंगे। इस संबंध में गृह मंत्रालय के दिशानिर्देश बुधवार को ही लागू हो गए। मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी की स्थिति की समीक्षा करते हुए यह भी कहा कि 4 मई से अनेक जिलों में लॉकडाउन में काफी छूट दी जा सकती है। इस बारे में नए दिशानिर्देश बाद में जारी होंगे। माना जा रहा है कि सरकार सोमवार से ग्रीन जोन वाले इलाकों में छूट दे सकती है।


बुधवार को जारी गाइडलाइन में मंत्रालय ने कहा कि बस से राज्य सरकारें लोगों को ले जाएंगी। राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इस काम के लिए नोडल अथॉरिटी नामित करेंगे और ये अथॉरिटी अपने-अपने यहां फंसे लोगों का रजिस्ट्रेशन करेंगी। जिन राज्यों के बीच लोगों की आवाजाही होनी है, वहां की अथॉरिटी एक दूसरे से संपर्क कर सड़क के जरिए लोगों की आवाजाही सुनिश्चित करेंगी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने प्रवासियों और छात्रों को घर भजने की अनुमति देने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है। साथ ही चिदंबरम ने सरकार को सुझाव दिया है कि इन लोगों को ले जाने के लिए ट्रेनें सैनिटाइज्ड करके चलानी चाहिए, क्योंकि बसें इसके लिए पर्याप्त नहीं होगी।

नई गाइडलाइन में गृह मंत्रालय ने कुछ शर्तों के साथ राज्यों को इन फंसे लोगों को ले जाने की अनुमति दी है। गाइडलाइन के मुताबिक लोगों को राज्य सरकार बस से ले जाएगी। बस के चलने से पहले पूरी तरह से उसे सेनिटाइज किया जाएगा और लोगों को बस में बैठाने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा। गंतव्य पर पहुंचने के बाद लोगों के स्वास्थ्य का आकलन और स्क्रीनिंग स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा की जाएगी और उन्हें क्वारेंटाइन में रखा जाएगा।

गृहमंत्रालय ने अपनी गाइडलाइन में यह भी कहा है कि जाने वाले लोग आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड कर सकते हैं ताकि उनके स्वास्थ्य के आकलन के साथ-साथ उनकी मॉनिटरिंग हो सके और उन्हें ट्रेस किया जा सके।