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लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह अतिथि के तौर पर राष्ट्रीय पंचायती राज संगठन आगरा के कार्यक्रम में कहा है कि जनता को पार्टियों के अलग-अलग किस्म के लालच दिए जाने पर सतर्क रहने की जरूरत है प्रलोभन से दूर रहने की जरूरत है, जनता सतर्क रहे। पार्टियों द्वारा कहीं पर जन विश्वास यात्रा तो कहीं पर फ्री के झांसे दिए जा रहे हैं। ऐसे में षड्यंत्रकारी पार्टियों के आकाओं और पार्टियों के कार्यकर्ता से दूर रहने की नसीहत दी है सिंह ने आगे कहा कि
फ्री के झांसे में लोग ना आएं सफल होने का सूत्र हमारे पास है।विधानसभा चुनाव के लिए जनता को देंगे एक स्वच्छ विकल्प आम चुनावों में भाजपा के खिलाफ गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा या सपा के खिलाफ और बसपा के खिलाफ यह कोई मुद्दा नहीं है। जनता को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, उसे बस राजनीतिक विकल्प चाहिए।जो लोकदल है,क्योंकि चौधरी चरण सिंह कहा करते थे कि देश की खुशहाली का रास्ता खेत और खालियाना से होकर गुजरता है लेकिन आज हमारे गांव की स्थिति बहुत ही खराब है हमारा युवा गांव को छोड़कर दिल्ली, मुंबई जाकर रोजी-रोटी कमाने के लिए मजबूर हैं। सिंह ने आगे कहा है कि कुछ लोगों से तो अपना प्रदेश संभलता नहीं है दूसरे प्रदेश में आकर क्या करेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा है कि भारतीय लोकतंत्र के लिए,और देश के लिए कल्याणकारी हो ही नही सकते है जिसने कॉरोना काल में उत्तर प्रदेश की जनता को दिल्ली से भगा दिया हो । अरविन्द केजरीवाल जैसे भ्रमित करने वाले नेता जनता के लिए मुश्किलें पैदा कर देते हैं, फ्री में बेचने की राजनीति करने वाले हैं।और जनता उसके आश्वासनों पर विश्वास कर अपने को ठगा महसूस कर रही है, और जनता के लिए संभव नही हो पाता की वह किसी के आश्वासनों पर विश्वास कर सके. जनता ने बहुत धोखे खाएं है नेताओं के मकडजाल के कारण.अब उसके लिए किसी पर विश्वास कर पाना आसान नहीं है और वर्तमान में सभी पार्टीयां नकारा,और अविश्वसनीय साबित हो चुकी हैं आज का वोटर पहले के मुकाबले अधिक समझदार है, युवा पीढ़ी अधिक पढ़ी लिखी होने के कारण स्वस्थ्य निर्णय ले पाने में सक्षम हैं.अब उन्हें भ्रमजाल में फंसाना संभव नहीं है. इसलिए अपनी ताकत को समझना होगा। और लोकदल को विधानसभा चुनाव के लिए एक स्वच्छ विकल्प के रूप में चुनना होगा। सिंह ने लखीमपुर में हुई किसानों की हत्या को भी याद दिलाया । तीन कृषि कानून पर किसानों के साथ क्रूरता भरी रवैया सरकार के चेहरे को दिखाती है। 700 किसानों को शहीद होने का दर्जा ना दे पाना सरकार के चरितार्थ को दिखाता है, सरकार के घमंड को दिखाता है।मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने ठीक ही कहा की प्रधानमंत्री मोदी जी घमंडी है प्रधानमंत्री का वक्तव्य कि यह किसान मेरे लिए नहीं मरे। यह सत्ता के लोभ को दिखाता है। हत्यारों की सरकार मंत्री जी को बचा रही है जाति धर्म की राजनीति करने वाली भारतीय जनता पार्टी एक ही जाति को खुश करने के लिए वोटों के वोट बैंकों का नुकसान ना हो जाए ऐसी घिनौनी राजनीति कभी देखी नही जिसमें लखीमपुर में चार किसानों, एक स्थानीय पत्रकार समेत आठ लोगों की हत्या करने वाला किसानहत्यारा आशीष मिश्रा और उसके साथियों को सरकार क्यों मेहरबान है इस हत्यारे पर सरकार का क्यों आशीर्वाद प्राप्त है सरकार इस घटना को देखकर धृतराष्ट्र बनी हुई है।
उन्हाेंने कहा कि 15 साल तक सपा, बसपा ने प्रदेश को लूटा है। यही कारण है कि सभी सुविधाएं उलब्ध होने के बाद भी प्रदेश पिछड़े क्षेत्रों में गिना जाता है। गांव की दशा नहीं बदली सरकार की कार्य प्रणाली के चलते लोग परेशान हैं। इस सरकार ने किसानों, गरीबों और युवाओं को ठगा है साथ ही साथ पूर्व की सरकार ने भी नहीं छोड़ा सरकार ने युवा के लिए कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सौ से अधिक योजनाएं गरीबों के लिए शुरू की हैं। जो कागजों में और विज्ञापनों में दिखाई देते हैं धरातल पर नहीं । वर्तमान की सरकार एवं पूर्ववर्ती सरकारों ने अपराधी पाले है। जिससे पूरा प्रदेश डरा हुआ है अपराधी कानून व्यवस्था को अंगूठा दिखा रहे हैं इस गंदगी को साफ करने के लिए विधानसभा 2022 के चुनाव में लोकदल को चुनना होगा। अबकी बार किसानों की सरकार चू ननि होगी। अबकी बार किसान मुख्यमंत्री।