लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज फिर आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की उपेक्षा के चलते उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हो गई है। प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर कोई नियंत्रण नहीं है। दवाओं, इंजेक्शन की कालाबाजारी बेरोकटोक जारी है। कोरोना कर्फ्यू और ऑक्सीजन की किल्लत ने लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है। भाजपा दोतरफा बातें और चालें चलती है। एक तरफ सरकार कहती है कि कोरोना का इलाज फ्री में है वहीं दूसरी ओर सरकारी बैंक कोरोना इलाज के लिए 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर से लोन दे रहे है।

अखिलेश यादव ने कहा कि बिगड़ी स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल यह है कि मिर्जापुर के तिलोवगांव में एक गंभीर मरीज को चारपाई में लादकर उपचार के लिए 8 किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाने का मामला सामने आया है। भाजपा राज में गंभीर मरीजों को एंबुलेंस तक नसीब नहीं है। कानपुर में ठेले पर एक मरीज को लाने और कूड़ा गाड़ी में शव ले जाने की शर्मनाक घटनाएं भी हुई है।

सपा नेता ने कहा कि निजी अस्पतालों ने कोरोना संकट में जबरन लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आगरा के पारस अस्पताल में ऑक्सीजन बंद कर मरीजों को मौत के मुंह में जाने दिया गया। सरकार ने जो दरें इलाज और आवश्यक दवाओं के लिए तय की, उनका कहीं पालन नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौर में ही भाजपा सरकार ने अपनी खूब वाहवाही की लेकिन दूसरी लहर के आने के साथ सब किंकर्तव्यविमूढ़ की स्थिति में चले गए। ब्लैक फंगस का सही इलाज अस्पतालों में नहीं हो पाया। दवाओं, इंजेक्शन का अकाल है। मुख्यमंत्री जी दिल्ली में अपने शीर्ष नेतृत्व से भेंट वार्ता में व्यस्त रहे। प्रदेश में हाहाकार मचा है। जनता त्रस्त है। भाजपा जनता के दुःख दर्द से जुड़ने के बजाय सिर्फ सत्ता बचाने में व्यस्त है। भाजपा का यही लोकतंत्र है।