टीम इंस्टेंटख़बर
पेगासस स्पाईवेयर विवाद के बीच रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इसके निर्माता NSO ग्रुप के साथ कोई लेनदेन नहीं किया गया. यह बयान राज्यसभा में रक्षा पंत्रालय की तरफ से आया है.

इस मामले पर विपक्ष लगातार लगातार सवाल पूछ रहा है कि क्या सरकार ने एनएसओ से पेगासस सॉफ्टवेयर खरीदा था, जिसके माध्यम से कई विपक्षी नेताओं समेत कई पत्रकारों की कथित जासूसी की गई। NSO समूह पहले ही कह चुका है कि वो इस सॉफ्टवेयर को सिर्फ सरकारों को देता है।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों ने दावा किया था कि इजराइल की कंपनी एनएसओ के पेगासस स्पाइवेयर के जरिए भारत के 300 से ज्यादा मोबाइल नंबर उस संभावित सूची में थे, जिनकी जासूसी किए जाने का संदेह है।

इस सूची में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल और अश्विनी वैष्णव, कारोबारी अनिल अंबानी समेत कम से कम 40 पत्रकार भी थे। विपक्ष की मांग है कि संसद में इस पर चर्चा हो और निष्पक्ष, पारदर्शी और गहन जांच हो।

सुप्रीम कोर्ट ने भी गुरुवार को कहा कि पेगासस के बारे में अगर रिपोर्ट सही है तो इससे संबंधित जासूसी के आरोप ‘गंभीर प्रकृति के’ हैं।