ग्रह-नक्षत्रों की गतियों को समझ कर व्यक्ति उन्नति कर सकता है। इसके साथ ही रोजगार के रूप में इसे अपना कर यश और धन दोनों अर्जित कर सकता है। यह कहना है ज्योतिष परामर्श दाता केन्द्र के प्रमुख आचार्य पं.एम.के.झा का। नव-अंशिका संस्था की ओर से कोरोना के संकटकाल में संचालित ऑनलाइन फ्री-कैरियर गाइडेंस सीरीज में रविवार 26 सितम्बर को इसका ऑनलाइन प्रसारण किया गया।

आचार्य पं.एम.के.झा ने बताया कि ज्योतिष अपने में प्राचीन और वर्तमान में भी प्रासंगिक विज्ञान है। इसमें ग्रह-नक्षत्रों की गणना के आधार पर काल और उसके प्रभावों की गणना की जा सकती है। इससे बीते हुए समय का अध्ययन किया जा सकता है वहीं वर्तमान और भविष्य को संवारा जा सकता है। गर्भाधान, जन्म, विवाह से लेकर मृत्यु तक नक्षत्रों की गति व्यक्ति को प्रभावित करती है। वर्तमान में पितृपक्ष चल रहे हैं ऐसे में पितरों का तर्पण भी मृत्यु की तिथि के अधार पर ही किया जाता है। जल्द ही नवरात्र शुरू होंगे। ऐसे में कलश स्थापना तक में मुहूर्त देखा जाएगा।

इसके साथ ही गृह प्रवेश, वाहन खरीद आदि तक में मुहूर्त की तलाश रहती है। इसलिए इसका ज्ञान जीवन के हर पल से जुड़ा है। इस प्राचीन और प्रासंगिक विज्ञान को व्यक्ति अपना कैरियर भी बना सकता है। वह विभिन्न पत्र पत्रिकाओं टीवी चैनलों से जुड़ कर अपनी सेवाएं दे सकता है या फिर अपना ही ज्योतिष पराशर्म केन्द्र संचालित कर सकता है। वर्तमान में तो ऑनलाइन सेवाओं का भी चलन बढ़ता जा रहा है। शिक्षक बन कर प्रशिक्षण दे सकता है। इसके साथ ही वर्तमान में विभिन्न व्यवसायिक संगठनों में निजी चिकित्सक की तरह निजी ज्योतिष परामर्शदाता तक नियुक्त किये जा रहे हैं।

इस दिशा में अध्ययन के लिए वर्तमान उत्तर प्रदेश संस्कृति संस्थान के माध्यम से ऑनलाइन भी इसका ज्ञान लिया जा सकता है। आचार्य पं.एम.के.झा ने बताया कि इसके साथ ही गोमती नगर स्थित केन्द्रीय संस्कृति विश्वविद्यालय में भी इसका पाठ्यक्रम उपलब्ध है। दूसरी ओर कई निजी गुरुकुल भी ज्योतिष की शिक्षा दे रहे हैं। जहां से किसी भी उम्र का व्यक्ति अध्ययन कर सकता है। इसलिए सेवानिवृत्त होकर भी इस दिशा में शौकिया भी प्रशिक्षण लिया जा सकता है।