टीम इंस्टेंटखबर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जन्मदिन पर कोविड-19 के टीकाकरण अभियान के तहत 2 करोड़ से अधिक टीके लगाने का दावा किया गया. विपक्ष ने सवाल भी उठाया, प्रधानमंत्री ने पेट में दर्द होने वाला कटाक्ष भी किया।मगर अब जानकारी मिल रही है कि कीर्तिमान बनाने के चक्कर में मुर्दों को भी कोरोना का टीका लगा दिया गया है. हमेशा की तरह इस के कीर्तिमान स्थापित करने में शिवराज सरकार आगे आगे रहती है और इसी तरह की घपलेबाज़ी के मामले सामने आते हैं, ताज़ा मामला भी मध्य प्रदेश का ही है.

एनडीटीवी की एक खबर के अनुसार भोपाल से करीब 200 किलोमीटर दूर आगर मालवा में रहने वाले आशुतोष शर्मा के मोबाइल में एक मैसेज आया जिसमें आये एक सर्टिफिकेट ने उनका दर्द बढ़ा दिया. उनकी मां विद्या शर्मा को 8 मार्च को कोविशील्ड का पहला डोज लगा, जून में दूसरा डोज लगना था लेकिन 1 मई 2021 को कोरोना से ही उनका निधन हो गया. मौत के 4 महीने बाद 17 सितंबर को मोबाइल पर मैसेज आया कि नगर पालिका टाउन हाल में उन्हें टीके का दूसरा डोज लग गया. वेबसाइट में आशुतोष को मां के नाम का सर्टिफिकेट भी मिल गया.

आशुतोष शर्मा का कहना है, ‘रात में 8.02 मिनट पर मैसेज आया, कहा दूसरा डोज लगाया गया. सर्टिफिकेट डाउनलोड होता है कि टीका लगाया गया जब मम्मी दुनियां में ही नहीं है ऐसे देश में टीका लगाया जा रहा है. मुझे लगता है अधिकारियों पर बहुत दबाव बनाया जा रहा है ये नंबर बढ़ा रहे हैं.

आगर के ही छावनी में रहने वाली 26 साल की पिंकी वर्मा ने 8 जून को पहला डोज लगवाया, दूसरा डोज लगना है लेकिन उन्हें भी 17 सितंबर मैसेज आ गया कि उन्हें टीका लग गया वो भी राजस्थान में झालावाड़ जिले के टीकाकरण केंद्र पर.

पिंकी का कहना है कि मुझे 8 जून को लगी थी दूसरी 7 सितंबर को लगनी थी लेकिन मेरी तबीयत खराब हो गई तो दूसरा डोज नहीं लिया. मुझे लगता है आंकड़े बढ़ाने के लिये ऐसा कर रही है जबकि मुझे लगा ही नहीं है दूसरा डोज.

भोपाल की लीला सुतार को 25 मार्च को पहला टीका लगा, फिर कोरोना संक्रमित हो गई, दूसरा डोज लग नहीं पाया लेकिन 17 को उन्हें भी टीका लगने का मैसेज आ गया. लीला का कहना है कि मैंने अभी दूसरा वैक्सीन नहीं लगाया फिर भी मैसेज आ गया. मैं कहीं बाहर गई तो मुझे तो परेशानी आएगी मैं क्या करूं.

मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने इसे लिपकीय त्रुटि बताकर मामूली मामला बताया है. अब 27 सितंबर को महाअभियान की तैयारी है, लक्ष्य है उस दिन तक राज्य की पूरी आबादी को पहला डोज लगा दिया जाए.