नई दिल्ली: केंद्रीय परिवहन और हाइवे मंत्री नितिन गडकरी ने 8 साल से पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने की मंजूरी दे दी है। 8 साल से पुराने वाहनों पर फिटनेस सर्टिफिकेट के रिन्यूअल के दौरान यह टैक्स वसूला जाएगा। नियम को नोटिफाइ करने से पहले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास इस प्रस्ताव को भेजा जाएगा।

मंत्री ने सरकारी विभाग और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के स्वामित्व वाले वाहनों की डिरजिस्ट्रेशन और स्क्रैपिंग की नीति को भी मंजूरी दी, जो 15 वर्ष से अधिक आयु के हैं। नए नियमों को 1 अप्रैल 2022 को नोटिफाइ किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा, ”यह अनुमान लगाया जाता है कि वाणिज्यिक वाहन, जो कुल वाहन बेड़े का लगभग 5% हिस्सा हैं, कुल वाहन प्रदूषण में लगभग 65-70% योगदान करते हैं। वर्ष 2000 से पहले निर्मित वाहन कुल बेड़े का 1% है, लेकिन कुल वाहनों के प्रदूषण में इनका योगदान 15 फीसदी है।”

पुराने वाहनों पर अब लगेगा ग्रीन टैक्स, केंद्र सरकार ने की है तैयारी8 साल से पुराने परिवहन वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट रिन्यू करते समय रोड टैक्स के 10 से 25 फीसदी तक ग्रीन टैक्स लगाया जा सकता है। निजी वाहनों पर 15 सालों के बाद रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट रिन्यू करते समय ग्रीन टैक्स लगाया जाएगा। सार्वजनिक परिवहन के वाहनों जैसे सिटी बसों पर कम ग्रीन टैक्स लगेगा। सरकार ने अत्यधिक प्रदूषित शहरों में पंजीकृत वाहनों के लिए अधिक टैक्स (रोड टैक्स का 50%) प्रस्तावित किया है।

मंत्रालय ने बताया कि ईंधन (पेट्रोल/डीजल) और वाहनों के प्रकार के मुताबिक अलग-अलग टैक्स होंगे। हाइब्रिड, इलेक्ट्रिक वाहनों और सीएनजी, एथनॉल, एलपीजी पर दौड़ने वाले वाहनों को छूट मिलेगी। खेती में इस्तेमाल होने वाले वाहनों जैसे ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, टिलर आदि पर ग्रीन टैक्स नहीं लगाया जाएगा।

मंत्रालय ने कहा कि ग्रीन टैक्स से प्राप्त राजस्व को एक अलग खाते में रखा जाएगा और प्रदूषण से निपटने के लिए और राज्यों को उत्सर्जन निगरानी के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं स्थापित करने के लिए उपयोग किया जाएगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अपने लंबे समय से लंबित मसौदा वीइकल स्क्रैपेज पॉलिसी में यह भी कहा है कि इसमें पर्यावरण के अनुकूल और वैज्ञानिक तरीके से पुराने वाहनों को हटाकर सर्टिफिकेट के खिलाफ खरीदे गए वाहनों के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट और राज्यों द्वारा रोड टैक्स कम वसूला जाएगा।