नई दिल्ली: भारत मंगलवार यानी 26 जनवरी, 2021 को अपना 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राजपथ पर तिरंगा फहराया। लेकिन इस बार कोरोनावायरस के चलते गणतंत्र दिवस काफी अलग है। इस बार कार्यक्रम भी कम रखे गए हैं, वहीं गणतंत्र की परेड भी इस बार छोटी है। कोविड के चलते सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन किया जा रहा है। इस बार कोई मुख्य अतिथि भी नहीं है। परेड देखने भी कम लोगों को बुलाया गया है।

राष्ट्रपति ने किया झंडारोहण
मुख्य समारोह दिल्ली के राजपथ पर हुआ जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने झंडारोहण किया. उसके बाद समारोह की शुरुआत हुई. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया गेट के पास बने वॉर मेमोरियल गए. वॉर मेमोरियल आजादी के बाद शहीद हुए सैनिकों की याद में बनाया गया है. गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राजपथ पर भारत की सैन्य ताकत और संस्कृति की अनोखी झलक देखने को मिली.

सेनाओं ने दिखाई ताक़त
रिपब्लिक डे परेड में तीन सेनाओं की ताकत के साथ अलग-अलग राज्यों, मंत्रालयों, सुरक्षाबलों की झांकियां भी देखने को मिलीं. पहली बार लड़ाकू विमान राफेल ने परेड में हिस्सा लिया और पूरी दुनिया को अपना दम दिखाया. राफेल की गरज से पूरा आसमान गूंज गया.

राम मंदिर की झलक
परेड का मुख्य आकर्षण सैन्य ताकत, राज्यों की अलग-अलग संस्कृति, बांग्लादेश का 122 सदस्यों का कॉन्टिनजेन्ट, स्कूलों के बच्चों की ओर से पेश कार्यक्रम रहा. उत्तर प्रदेश की झांकी में राम मंदिर की झलक दिखाई दी जबकि पंजाब की झांकी गुरु तेग बहादुर जी को समर्पित रही. कोरोनाकाल के बावजूद राजपथ पर गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम शानदार तरीके मनाया गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तिरंगा फहरा कर रिपब्लिक डे परेड कार्यक्रम की शुरुआत की.

राफेल की उड़ान के साथ परेड का समापन
रिपब्लिक डे परेड का समापन 900 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने वाले एक राफेल विमान के आसमान पर ‘वर्टिकल चार्ली’ बनाने के साथ हुआ. विमान को शौर्य चक्र विजेता हरकीरत सिंह उड़ा रहे थे.

डीआरडीओ की दो झाकियां
डीआरडीओ ने इस साल दो झांकियां निकालीं. एक झांकी में आईएनएस विक्रमादित्य से लाइट कॉन्बैट एयरक्राफ्ट को उड़ान भरते हुए दिखाया गया और दूसरा एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का है.

राफेल के साथ दो जगुआर, दो मिग-29 का फॉरमेशन
राफेल के साथ दो जगुआर, दो मिग-29 लड़ाकू विमान का फॉरमेशन रहा। इसके अलावा तीन सुखोई विमानों ने भी उड़ान भरी। साथ ही दर्शकों को रूद्र फॉरमेशन और सुदर्शन फॉरमेशन का नजारा भी आसमान में देखने को मिला।

पहली बार बांग्लादेश की सशस्त्र सेनाओं का मार्चिंग दस्ता
राजपथ पर पहली बार बांग्लादेश की सशस्त्र सेनाओं का 122 सैनिकों का मार्चिंग दस्ता गुजरा। इस दस्ते का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल अबु मोहम्मद शाहनूर शावोन और उनके डिप्टी लेफ्टिनेंट फरहान इशराक और फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिबत रहमान ने किया।

बदला सी रही परेड
हर साल की तरह इस बार परेड देखने के लिए 15 साल से कम उम्र के बच्चों को भी नहीं बुलाया गया है। वहीं इस बार सेना और नेवी के जवानों की संख्या भी कम कर दी गई है।