नयी दिल्ली: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने रविवार को कहा कि देश में कोविड-19 रोधी टीके के विकास का काम प्रगति पर है लेकिन जब तक यह नहीं आता है तब तक दो गज दूरी सहित सामाजिक व्यवहार ही ‘टीका’ है। लोकसभा में नियम 193 के तहत कोविड-19 वैश्विक महामारी पर हुई चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए हर्षवर्द्धन ने कहा कि दुनिया में कोविड-19 रोधी 145 टीका ‘प्री क्लिनिकल’ मूल्यांकन के स्तर पर हैं और इसमें से 35 का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत में 30 टीकों के लिये समर्थन दिया गया है जो विकास के विभिन्न स्तरों पर हैं । इसमें से 3 वैक्सीन ट्रायल के प्रथम, द्वितीय और तृतीय चरण में हैं । चार टीके ‘प्री क्लिनिकल’ मूल्यांकन के उन्नत चरण में हैं । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “टीके के विकास का काम प्रगति पर है लेकिन जब तक यह नहीं आता है तब तक दो गज दूरी सहित सामाजिक व्यवहार ही ‘टीका’ है।”

हर्षवर्द्धन ने कहा कि वायरस के शोध की दिशा में 2000 से ज्यादा वायरसों की जीनोम श्रृंखला तैयार की गई है । इसके अलावा 40 हजार वायरसों के नमूनों का निक्षेपागार बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में 110 प्रौद्योगिकी स्टार्टअप को समर्थन दिया गया है। हर्षवर्धन ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने के सरकार के साहसिक फैसले को लागू करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर लोगों द्वारा ‘जनता कर्फ्यू’ का पालन करना इस बात का प्रमाण है कि भारत इस महामारी के खिलाफ मिलकर खड़ा रहा।

उन्होंने कहा, “एक समय था जब पीपीई किट का स्वदेशी उत्पादन नहीं हो रहा था। आज इस दिशा में आत्मनिर्भर है।” उन्होंने कहा कि आज प्रतिदिन 10 लाख से ज्याद किट रोज बनाने की क्षमता हो गई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि का ठीक से उपयोग किया गया है और इस दौरान राज्यों को समर्थन भी दिया गया ।