राजनीति

योगी सरकार के बजट में प्रदेशवासियों के लिए कुछ नहीं : माले

टीम इंस्टेंटखबर
भाकपा (माले) ने राज्य विधानसभा में गुरुवार को प्रस्तुत किये गए योगी सरकार 2.0 के पहले बजट की आलोचना करते हुए कहा है कि इसमें महंगाई-बेरोजगारी से त्रस्त प्रदेशवासियों के लिए कुछ नहीं है।

राज्य सचिव सुधाकर यादव ने बजट पर प्रतिक्रिया में कहा कि प्रदेश के वित्त मंत्री ने बजट आंकड़ों के माध्यम से स्वीकार किया है कि योगी सरकार 1.0 के बीते पांच साल में कुल लगभग साढ़े चार लाख युवाओं को ही सरकारी नौकरियां मिलीं। माले नेता ने कहा कि घोषणा 14 लाख नौकरी सालाना देने की थी। इस तरह से 70 लाख नौकरियां देने की घोषणा के रूबरू मिली महज साढ़े चार लाख से भी कम। हालांकि इसका भी ब्यौरा नहीं दिया गया है कि किन विभागों में ये नौकरियां दी गईं। बहरहाल, इससे योगी सरकार की घोषणाओं का सच उजागर होता है। लाखों पद रिक्त पड़े हैं और करोड़ों युवा बेरोजगार हैं। मगर नौकरी फिर भी नहीं मिलती। प्रयागराज सहित कई जगहों पर युवा रोजगार न मिलने के कारण आत्महत्या कर चुके हैं।

कामरेड सुधाकर ने कहा कि बेतहाशा बढ़ती महंगाई ने जनता का जीना मुहाल कर रखा है। ऐसे में वैट और अन्य करों में राहत देकर राज्य सरकार नागरिकों पर महंगाई का बोझ घटा सकती है। मगर बजट में महंगाई घटाने का कोई प्रावधान नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के नाम पर बजट आवंटन दिखाकर सरकार महिला सुरक्षा का ढोंग कर रही है। हकीकत यह है कि प्रदेश की पुलिस सुरक्षा देने के बजाय महिलाओं की हत्या और उनका बलात्कार कर रही है। ताजा घटना बागपत जिले के छपरौली थानाक्षेत्र की है, जहां बीती 24 मई को एक घर में पुलिस की दबिश के बाद मां व दो बेटियों की हालत खराब हो गई और बड़ी बेटी (19 वर्ष) की 25 मई को इलाज के दौरान मेरठ के अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस मृतका के भाई की धरपकड़ में गई थी, जिसपर गांव की एक लड़की के साथ कहीं चले जाने का आरोप था। पुलिस की सफाई कि छापे के डर से महिलाओं ने जहर खा लिया भरोसे लायक नहीं है।

माले नेता ने कहा कि पुलिस की दबिश के दौरान अकेले मई माह में बागपत सहित चार घटनाओं में चार महिलाओं की मौत हो चुकी है। इसके पहले चंदौली के मनराजपुर में, सिद्धार्थनगर के इस्लामनगर में और फिरोजाबाद के पाचखेड़ा थानाक्षेत्र में पुलिस दबिश के दौरान एक-एक महिला की जान जा चुकी है। हत्या जैसे मामले होने के बावजूद किसी भी आरोपी पुलिस वाले को जेल नहीं भेजा गया है। राज्य सचिव ने इन चारों घटनाओं की न्यायिक जांच कराने की मांग की, ताकि सच्चाई सामने आए और दोषियों को सजा मिले।

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