हमीरपुर में मानसिक स्वास्थ्य शिविर में मरीज़ों का परीक्षण, बुद्धि परीक्षण के लिए बच्चों को कानपुर किया रेफर

हमीरपुर
भाग-दौड़ भरी जिंदगी और अपनों के लिए वक्त की कमी ने मानसिक विकारों को जन्म देना शुरू कर दिया है। गुरुवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुमेरपुर में लगाए गए मानसिक स्वास्थ्य शिविर में तीन दर्जन के आसपास मानसिक विकारों से संबंधित मरीजों का परीक्षण किया गया। इसमें सर्वाधिक संख्या मंदबुद्धि बच्चों की थी, जिन्हें बुद्धि परीक्षण के लिए कानपुर के उर्सला रेफर किया गया है। अन्य मरीजों की काउंसिलिंग की गई।

मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत सुमेरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आयोजित शिविर का उद्घाटन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए के रावत ने किया। इस मौके पर सीएमओ ने कहा कि कोई भी मानसिक विकार लाइलाज नहीं है। सभी का इलाज संभव है। ऐसे मरीजों को देखभाल की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि आज के युग में लोग मानसिक विकारों की चपेट में ज्यादा आ रहे हैं। कई बार लोग झाड़-फूंक के चक्कर में पड़कर मरीज का समय से उपचार नहीं कराते। जबकि लोगों को ऐसे मरीजों के लिए दुआ और दवा दोनों करानी चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. महेश चंद्रा ने कहा कि जिला अस्पताल में मनकक्ष स्थापित है, जहां किसी भी कार्य दिवस पर पहुंचकर मरीज अपना परीक्षण कराकर परामर्श ले सकता है।

शिविर में डॉ. शशांक और साइको थेरिपिस्ट डॉ. नीता की टीम ने मरीजों का परीक्षण कर उन्हें परामर्श दिया। डॉ. नीता ने बताया कि मानसिक विकारों से ग्रसित कुल 32 मरीजों का पंजीकरण किया गया था। ज्यादातर मानसिक अवसाद से ग्रसित मरीज थे। इसके अलावा मंदबुद्धि के बच्चों का भी परीक्षण कर उन्हें कानपुर के उर्सला में बुद्धि परीक्षण कराने की सलाह देकर रेफर किया गया है। एंजाइटी के मरीजों की भी अच्छी-खासी संख्या रही। डॉ. नीता ने बताया कि अगला शिविर 21 दिसंबर को मौदहा सीएचसी पर आयोजित होगा।

इस मौके पर डॉ.अलीम खान, डॉ.परवेज कादरी, डॉ.निकिता, अदनान अहमद, वीपी सिंह, मूलचंद, महावीर, रजनी, आशा, पार्वती, गार्गी आदि स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे। वही एचआरपी डे के मद्देनजर स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण के बाद होने वाली समस्त जांचों के बारे में विस्तार से बताकर सुरक्षित प्रसव की सलाह दी गई। यहां पर गर्भवती महिलाओं को डॉ.रचना एवं नर्स रहनुमा ने जागरूक किया।