म्यांमार की सेना की ओर से बयान जारी करके बताया गया है कि इस देश के दूसरे सबसे बड़े नगर मान्डला में सेना और विरोधियों के बीच होने वाली झड़प में 4 विरोधी मारे गए जबकि कुछ सैनिक घायल हो गए। झड़प के दौरान म्यांमार की सेना ने कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार कर लिया।

म्यांमार में राजनैतिक बंदियों का समर्थन करने वाली एक समिति ने हाल ही में घोषणा की थी कि देश में सैन्य विद्रोह के बाद से अबतक कम से कम 870 आम लोग मारे जा चुके हैं। मृतकों में अधिकांश बच्चे और महिलाए हैं। इस दौरान पाचं हज़ार से अधिक लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है जिनमें से कुछ के बारे में उनके परिवार वालों को भी पता नहीं है।

इसी बीच संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव की विशेष दूत ने बताया है कि म्यांमार की सेना प्रदर्शन कारियों के विरुद्ध हथियारों का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने वहां पर गृहयुद्ध छिड़ने की संभावना व्यक्त की है। क्रिस्टीना ने बताया कि म्यांमार में स्थिति अनियंत्रित होती जा रही है। उनका कहना था कि वहां पर सैन्य शासन के विरोध का सिलसिला लगातार जारी है।

राष्ट्रसंघ की विशेष दूत के अनुसार जबसे म्यांमार में सैन्य विद्रोह हुआ है उस समय से वहां से 10 हज़ार से अधिक लोग पलायन करके दूसरे देशों की सीमाओं में घुस चुके हैं जिनमें से अधिकतर से भारत का रुख़ किया है। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों की हिंसक कार्यवाहियों से बचने के लिए म्यांमार के बहुत से लोग जंगलों में भाग गए हैं।

ज्ञात रहे कि पहली फरवरी को म्यांमार की सेना ने वहां की आंग सांग सूची सरकार का तख़्ता पलटकर सत्ता अपने हाथों में लेली थी। उस समय से लेकर म्यांमार में सेना और जनता के बीच झड़पों का क्रम जारी है।