नई दिल्ली: अपनी ही पार्टी में चुनौतियों का सामना कर रहे लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के साथ उनके संबंध “एकतरफा” नहीं रह सकते हैं और यदि उन्हें घेरने का प्रयास जारी रहा तो वह अपने भविष्य के राजनीतिक कदमों को लेकर सभी संभावनाओं पर विचार करेंगे. चिराग ने एक इंटरव्‍यू में कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान और वह हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा के साथ ”चट्टान” की तरह खड़े रहे, लेकिन जब इन ”कठिन” समय के दौरान उनके हस्तक्षेप की उम्मीद थी, तो भगवा दल साथ नहीं था. चिराग ने रेखांकित किया कि उनका मोदी में विश्वास कायम है. उन्होंने कहा, “लेकिन अगर आपको घेरा जाता है, धकेला जाता है और कोई फैसला लेने के लिए मजबूर किया जाता है, तो पार्टी सभी संभावनाओं पर विचार करेगी. लोजपा को अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में इस आधार पर निर्णय लेना होगा कि कौन उसके साथ खड़ा था और कौन नहीं.”

यह पूछे जाने पर कि क्या मौजूदा संकट के दौरान भाजपा ने उनसे संपर्क किया था, उन्होंने कहा कि भगवा दल का चुप रहना “उचित” नहीं था, जबकि जद (यू) लोजपा में विभाजन के लिए ‘काम कर रही थी.’ चिराग ने कहा, “मुझे उम्मीद थी कि वे (भाजपा) मध्यस्थता करेंगे और चीजों को सुलझाने का प्रयास करेंगे. उनकी चुप्पी निश्चित रूप से आहत करती है.”

भाजपा ने कहा है कि लोजपा का संकट क्षेत्रीय पार्टी का आंतरिक मामला है.यह पूछे जाने पर कि उन्होंने राजग के एक अन्य घटक जद (यू) को निशाना बनाया लेकिन भाजपा पर चुप्पी क्यों साधी, चिराग ने कहा कि भाजपा ने उनके बारे में चुप्पी साध रखी है. उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी ने उनकी पार्टी को विभाजित करने में “स्पष्ट” भूमिका निभाई और ऐसा करने का उनका इतिहास रहा है.