लखनऊ : तमाम विवादों के बीच यूपी भाजपा का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाये गए पूर्व आईएएस अरविन्द कुमार शर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष को लिखकर यह बताने की कोशिश की है कि वह प्रधानमंत्री के बहुत करीबी हैं. अपने पत्र में उन्होंने अपनी बहुत सी बातों को साझा किया है, उन्होंने कई ऐसी बातें लिखी हैं जिससे वह यह दर्शना चाहते हैं कि वो उत्तर प्रदेश वासी हैं और उतना ही ज़मीन से जुड़े रहे हैं जितना और कोई हो सकता है।’

शर्मा ने यह पत्र 20 जून को अपने ट्विटर पर साझा किया जो की भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को लिखा गया था और प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए जानें को लेकर धन्यवाद के लिए लिखा गया है। हालाँकि पत्र पढ़कर यह स्पष्ट है कि यह सिर्फ धन्यवाद् देने के लिए ही नहीं था बल्कि बीते कुछ महीनों में उनको जिन संघर्षों के बीच करना पड़ा है बिना कहे इन चीजों का उल्लेख किया गया है। उन्होंने बहुत सीमित शब्दों में काफी कुछ कह दिया है। उन्होंने मौजूदा समय में कुर्सी पर बैठे लोगों के नेतृत्व में आगामी चुनाव में अपना योगदान देने की बात भी कही है।

इसके अलावा उन्होंनेअपने बारे में यह भी बताया है कि वह पीएम मोदी से मिलने के पहले भी एक कुशल अधिकारी थे और जमीन से जुड़े लोगों की ज़िन्दगी को सरल बनाने के लिए हमेशा काम करते आए हैं। बाहरी कहे जाने पर भी उन्होंने कहा है कि वह यूपी से हैं और उतने ही ज़मीन से जुड़े रहे हैं जितना और कोई हो सकता है। आपको बता दें वह 2001 में उस वक़्त गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक सचिव बने थे, माना जाता है कि वह तब से पीएम मोदी के करीबी हैं। उन्होंने साफ़ किया है कि मोदी के आधिकारिक सचिव बनने से पहले भी वह ज़मीनी स्तर पर सफल और पुरस्कृत अधिकारी रहे हैं।

ए के शर्मा के बारे में यह भी कहा जाता है कि वह एक हाई फ़्लाइइंग अधिकारी रहे हैं और सिर्फ उद्योग तथा इन्फ़्रस्ट्रक्चर के क्षेत्र में ही उन्होंने काम किया है। कुछ लोगों द्वारा यह भी कहा गया कि, ‘क्या अब एक अधिकारी राजनैतिक शासन चलाएगा ?’ , इन सब बातों का जवाब भी इस पत्र में छुपा हुआ है। उन्होंने यह लिखा है कि, ‘मोदी जी के मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री तक की विशाल एवं वैश्विक यात्रा में एक छोटा ‘भागीदार’ रहा हूँ।और यह एक ऐसा अकाट्य सच है जिस पर वास्तव में उत्तर प्रदेश को गर्व करना चाहिए।’ इस बीच उन्होंने 2014 चुनाव का भी जिक्र किया और बताया कि समय लोकसभा का चुनाव पीएम मोदी ने दिल्ली से नहीं बल्कि गुजरात से ही लड़ा था और यहां तक कह दिया कि, ‘उस समय पर्दे के पीछे मोदी जी की गुजरात टीम ने ही काम किया था। आज के बहुत से नेता तब मोदी जी या भाजपा के नज़दीक भी नहीं थे।’ इसके अलावा पीएम मोदी का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी चरम लोकप्रियता आज भी क़ायम है।

यूपी आने के बाद से ही वह लगातार सक्रिय हैं और यह सबको मालूम है कि वाराणसी एवं पूर्वांचल में कोविड की दूसरी लहर के दौरान काम करते हुए उन्होंने खुद से ज़्यादा मोदी का गुणगान किया था। इसके अलावा आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने एक अहम् बात कही है जिसमे यह साफ़ किया गया है कि, ‘मोदी के नाम पर ही उत्तर प्रदेश का आगामी विधान सभा चुनाव जीत जाएँगे। उन्होंने यह कहकर क्षेत्रीय नेताओं पर एक व्यंग कसा है जो कई मायनों में सच मन जाता है कक्योंकि भाजपा में मोदी की लोकप्रियता किसी से भी छुपी नहीं है लेकिन शर्मा ने यह सच कहने का साहस भी दिखाया है। इस बात से यह साफ़ होता है कि वह किसके नेतृत्व पर विश्वास करते हैं और इस एक बात से बाकि सारे नेताओं को मोदी के सामने हल्का कर दिया है।