अहमदाबादः इंग्लैंड को चेन्नई में हराकर आत्मविश्वास से भरपूर भारतीय टीम को अब तीसरा मैच मोटेरा के विशाल स्डेयिम में दुधिया रोशनी के तले खेलना है। एक जीत के साथ ही वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल की और भारत और भी नजदीक पहुंच जाएगा।

रोहित शर्मा ने हाल ही में बयान दिया था कि बाकि दुनिया जो भी सोचे, हम वैसी ही पिचें बनाएंगे जो हमारा मन करेगा। लगता है डे-नाइट मैच की पिच भी स्पिन गेंदबाजी के लिए बहुत सहायता करने जा रही है। हालांकि दुधिया प्रकाश तले टेस्ट मैच हमेशा सीमर्स के मददगार रहे हैं लेकिन यह मुकाबला थोड़ा अलहदा हो सकता है।

फिर भी गुलाबी गेंद की खातिर भारत तीन सीमर्स को उतार सकता है जिसका मतलब है कि कुलदीप यादव का पत्ता साफ होगा। जबकि फिटनेस टेस्ट पास कर चुके उमेश यादव तीसरे सीमर के तौर पर खेल सकते हैं। उमेश को मोहम्मद सिराज के साथ भी स्थान पाने की प्रतियोगिता करनी पड़ सकती है।

पिछली बार पिंक बॉल टेस्ट में भारत 36 रनों पर ढेर हो गया था। लेकिन अपने घर पर 2019 में खेला गया डे-नाइट टेस्ट भारत ने आसानी से जीता था। यह कोलकाता में बांग्लादेश का मानमर्दन होने का नजारा था।

दूसरी और इंग्लैंड की टीम में जेम्स एंडरसन दूसरे टेस्ट के रेस्ट के बाद वापसी करेंगे। जोफ्रा आर्चर तो वापस आ जाएंगे लेकिन क्या स्टुअर्ट ब्रॉड तीसरे तेज गेंदबाज होंगे, यह बहस का मामला है। ब्रॉड के अंदर दूसरे मैच में किसी तरह का दम नहीं दिखाई दिया है। वे एंडरसन की तरह विशेष कौशल भी नहीं रखते फिर भी उनके साथ 500 से ऊपर टेस्ट विकेट हैं। इसका मतलब यह है कि किसी तरह से वे विकेट निकालने की तरकीब तो जानते ही हैं।

बैटिंग में यह जैक क्रॉली और जॉनी बेयरस्टो की वापसी होगी। बेयरस्टो को अब तक तारणहार की तरह प्रस्तुत किया गया है। उन पर इस अपेक्षा का दबाव होगा। क्रॉली की जगह पर डॉम सिबली का पत्ता साफ होगा या लंबे बाल वाले रोरी बर्न्स का, यह देखने वाली बात होगी।

भारतीय टीम को वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बनाने के लिए सीरीज को बस 2-1 से जीतने की जरूरत है लेकिन एक हार का मतलब यह होगा कि टीम इंडिया इस रेस से बाहर हो जाएगी। दूसरी और इंग्लैंड को अब बाकी बचे दोनों मुकाबले जीतने होंगे। अगर सीरीज 1-1 या 2-2 से ड्रा होती है तो कंगारूओं को घर बैठे फाइनल का टिकट मिल जाएगा जिस तरह से न्यूजीलैंड को मिला था।