लखनऊ:
उर्दू के जाने माने लेखक लखनऊ के मोहसिन खान को उनके उपन्यास ‘अल्लाह मियां का कारखाना’ के लिए इस साल का बैंक ऑफ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान दिया गया है। इस सम्मान के तहत उन्हें 21 लाख रुपये दिए जाएंगे। उपन्यास ‘अल्लाह मियां का कारखाना’ के हिन्दी अनुवादक सईद अहमद को भी 15 लाख रुपये की सम्मान राशि दी जाएगी। विजेता लेखक और अनुवादक की घोषणा आज दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में की गई। इसके अलावा, पांच उपन्यास – अभिप्रेत काल, चीनी कोठी, घर पालनो छेले, नदीष्ट और नेमत खाना ने इस वर्ष की प्रक्रिया में उप विजेता के पुरस्कार प्राप्त किए। पांचों उप विजेता लेखकों और संबंधित हिंदी अनुवादकों प्रत्येक को क्रमशः रु. 3 लाख और रु. 2 लाख की सम्मान राशि से सम्मानित किया गया।

पांच सदस्यीय पुरस्कार निर्णायक समिति की अध्यक्षता प्रसिद्ध लेखक और अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता गीतांजलि श्री ने की और उनके साथ निर्णायक समिति के अन्य सदस्यों प्रसिद्ध भारतीय कवि अरुण कमल; शिक्षाविद्‌ एवं आहार आलोचक पुष्पेश पंत; समकालीन भारतीय कवि और उपन्यासकार सुश्री अनामिका; और हिंदी कथा लेखक एवं अनुवादक प्रभात रंजन ने पुरस्कार के लिए निम्नलिखित 6 नामांकित पुस्तकों में से विजेता का चयन किया।

बैंक द्वारा ‘बैंक ऑफ़ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान’ को विभिन्न भारतीय भाषाओं में प्रकाशित प्रतिष्ठित उपन्यासों और उनके अनूदित और प्रकाशित हिंदी संस्करणों को रेखांकित करने और उन्हें सम्मानित करने के लिए स्थापित किया गया है।

पुरस्कार के बारे में बात करते हुए, बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजीव चड्ढा ने “बैंक ऑफ़ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान” 2023 के पहले वर्ष के विजेता मोहसिन खान और सईद अहमद सहित अन्य लेखकों व अनुवादकों को बधाई देते हुए कहा कि बैंक ऑफ़ बड़ौदा की विरासत महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ से मिली है, जिन्हें एक सुधारक के साथ-साथ साहित्य और कला का पारखी माना जाता है। इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए, बैंक ऑफ बड़ौदा ने देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रतिभाशाली लेखकों को एक राष्ट्रीय मंच प्रदान करने के लिए “बैंक ऑफ़ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान” की स्थापना की है।

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में जनवरी 2023 माह में औपचारिक रूप से सम्मान की घोषणा की गई थी। बैंक ने मार्च-अप्रैल 2023 की अवधि के दौरान पुरस्कारों के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू की थी।