भारत सरकार से उलमा मशाइख़ बोर्ड की मांग स्वीडिश आतंकी को फ़ौरन गिरफ्तार करे स्वीडिश सरकार

दिल्ली;
ऑल इण्डिया उलमा व मशाइख़ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवम वर्ल्ड सूफी फोरम के चेयरमैन हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने स्वीडन में तुर्की दूतावास के सामने शुक्रवार को एक दक्षिणपंथी पार्टी के नेता रस्मुस पालूदान द्वारा शुक्रवार को पुलिस के सामने क़ुरआन पाक को जलाने की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह नफरत के सौदागर ऐसा करके मुसलमानों का सब्र आज़मा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह लोग इंसान नहीं हैवान है,दरअसल दुनिया को अब असली आतंकवादियों को पहचान लेना चाहिए ,आतंक का न कोई मज़हब होता है न कोई पहनावा यह वेशभूषा आतंक एक घिनौना विचार है जिसका परिणाम मानवता की तबाही है।

हज़रत ने स्वीडिश आतंकी के घिनौने कृत की घोर निन्दा करते हुए स्वीडिश सरकार के खिलाफ गहरे गुस्से का इज़हार किया, उन्होंने कहा जिस तरह इस घिनौने काम को करने के लिए वहां की पुलिस ने इजाज़त दी और दर्शकों की तरह देखती रही इससे ज्यादा शर्मनाक बात क्या हो सकती है। अब इसमें कोई शक नहीं की दुनिया भर के मुसलमानों की भावनाएं इससे आहत हुई हैं और उनमें ग़म और ग़ुस्सा दोनों है और इसी का फायदा यह आतंकी उठाना चाहते हैं कि मुसलमान ग़ुस्से में कोई ग़लत हरकत कर बैठे और इन्हें मुसलमानों को बदनाम करने का मौक़ा मिल जाए ।

मुसलमानों को अपने ग़ुस्से पर क़ाबू रखते हुए ऐसे लोगों को वैसे ही जवाब देना है जैसे हमारे नबी ने हमें तालीम दी है यानी क़ुरआन की बातों पर अमल करके उसकी शिक्षाओं को अपनी ज़िंदगी में उतार कर, हमें समझना होगा कि क़ुरआन में अल्लाह ने सुरह अल हिज्र की आयत नंबर 9 में फरमाया कि “बेशक हमने इस क़ुरआन को नाज़िल किया और हम ही इसकी हिफाज़त करने वाले हैं” लिहाज़ा यह सब चाह कर भी क़ुरआन को नहीं मिटा सकते यह हमारा यक़ीन है लेकिन हम किसी को इसकी बेहुरमती की भी हरगिज़ इजाज़त नहीं दे सकते ।

हज़रत ने कहा कि हमारी भारत सरकार से मांग है कि वह फौरन स्वीडन के राजदूत को बुलाकर भारतीय मुसलमानों की भावनाओं से अवगत कराए और स्वीडन की सरकार से फौरन इस आतंकी को गिरफ्तार कर कड़ी सज़ा देने की मांग करे साथ ही स्वीडन सरकार भी इस मामले में माफी मांगे और जब तक ऐसा नहीं होता तब तक स्वीडन से भारत सभी राजनायिक संबध तोड़ ले।