लखनऊ: भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने योगी सरकार द्वारा मजदूरों के काम के घंटे मौजूदा आठ से बढ़ा कर 12 घंटे करने के फैसले की कड़ी निंदा की है और इसे वापस लेने की मांग की है। पार्टी विशाखापत्तनम गैस रिसाव में जनहानि, औरंगाबाद में रेल पटरी पर मजदूरों की मौत समेत लॉकडाउन में प्रवासी श्रमिकों की हो रही मौतों पर सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए नौ मई-शनिवार को देशव्यापी शोक व धिक्कार दिवस मनायेगी। यह कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करते हुए किया जाएगा।

राज्य सचिव सुधाकर यादव ने एक बयान में कहा कि यूपी में श्रमिक कानूनों को तीन साल तक स्थगित करने के बाद कोरोना संकट की आड़ में मेहनतकश वर्ग पर योगी सरकार का एक और बड़ा हमला है। इन फैसलों से सरकार ने यूपी को एक तरह से दास प्रथा युग में लौटा देने का काम किया है। यह शिकागो के अमर शहीदों, जिन्होंने आठ घंटे काम की अवधि तय करने के लिए शहादतें दीं, का घोर अपमान है और दुनिया भर में स्थापित श्रम नियमों का उल्लंघन है। यदि इसे वापस नहीं लिया गया, तो इसका कड़ा विरोध होगा।

उन्होंने बताया कि शनिवार को शोक व धिक्कार दिवस मनाते हुए पार्टी कार्यकर्ता काले बिल्ले और काले पोस्टर लगाकर लगाएंगे। दिया व मोमबत्ती भी जलाएंगे।