लखनऊ, 28 मार्च। भाकपा (माले) ने होलिका दहन के मौके पर रविवार को पूरे प्रदेश में तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं।
यह जानकारी देते हुए राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि मोदी सरकार के तीनों कृषि कानून खेती को तबाह करने वाले और किसानों के लिए ‘डेथ वारंट’ हैं। इन कानूनों के खिलाफ दिल्ली बार्डर पर पिछले चार माह से निरंतर किसान आंदोलन जारी है, जिसमें कई किसानों ने शहादत का भी वरण किया। दो-दो बार भारत बंद का आयोजन हुआ और देशभर के किसान विभिन्न मौकों पर सड़कों पर उतर कर कारपोरेट को फायदा पहुंचाने वाले इन कानूनों को विरोध कर चुके हैं।
माले नेता ने कहा कि यह विरोध अब भी और अपेक्षकृत रूप से बड़े पैमाने पर जारी है। लेकिन भाजपा सरकार के मन में लोकतांत्रिक आंदोलनों के लिए कोई सम्मान नहीं है। भाजपा लोकतंत्र का इस्तेमाल केवल सत्ता की कुर्सी पाने के लिए करती है और कुर्सी हथियाने के बाद लोकतंत्र व किसानों की आवाज को अनसुना कर अपना असली दमनकारी चेहरा दिखाने लगती है।
उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुट्ठी भर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए खेती और देश को बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा। कृषि कानूनों का विरोध तबतक जारी रहेगा, जबतक कि इन्हें वापस लेने की घोषणा नहीं कर दी जाती।
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