नई दिल्ली: लॉकडाउन की मार का असर देश में अब रोज़गार पर साफ़ दिखने लगा है| अप्रैल महीने में देश में बेरोजगारी की दर में 14.8 फीसदी का इजाफा हुआ है। देश में बेरोजगारी की दर अब 23.5 फीसदी पहुंच गई है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी के एक सर्वे में यह बात सामने आई है। मार्च के मुकाबले बेरोजगारी की दर में 200 फीसदी का इजाफा है। यही नहीं कुछ राज्यों का हाल यह है कि लगभग हर दूसरा आदमी बेरोजगारी की स्थिति में है। तमिलनाडु में बेरोजगारी की दर 49.8 फीसदी है, जबकि झारखंड में यह दर तेजी से बढ़ते हुए 49.8 पर्सेंट हुआ है। बिहार में यह आंकड़ा 46.6 फीसदी है।

हालांकि पंजाब में बेरोजगारी की दर महज 2.9 फीसदी ही है, जबकि छत्तीसगढ़ में 3.4 पर्सेंट है। तेलंगाना में 6.2 फीसदी है। दक्षिण भारतीय राज्यों की बात करें तो तमिलनाडु में हालात बेहद विपरीत देखने को मिले हैं। सूबे में बेरोजगारी की दर मार्च में महज 6.3 फीसदी ही थी, जो अप्रैल में बढ़कर 49.8 फीसदी हो गई। अब यदि बीते साल मई की बात करें तो तब यह 0.9 फीसदी ही थी। इस लिहाज से देखें तो बीते एक साल में तमिलनाडु में रोजगार के मामले में हालात काफी खराब हो गए हैं।

यही नहीं देश में कोरोना वायरस महामारी के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए लॉकडाउन से पहले ही मार्च महीने में बेरोजगारी 43 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। मार्च महीने में बेरोजगारी दर (या अर्थव्यवस्था में बेरोजगार लोगों की हिस्सेदारी) 8.7 फीसदी थी, जो सितंबर 2016 के बाद से सबसे अधिक थी। इस साल जनवरी में यह दर 7.16 फीसदी थी। बता दें कि देश में कोरोना से निपटने के लिए 24 मार्च से ही लॉकडाउन चल रहा है, जिसका 3 मई को आखिरी दिन है। हालांकि अभी लॉकडाउन को लेकर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।