दिल्ली:
भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को महाराष्ट्र में आधारित द लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है. लिक्विडेशन पर हर जमाकर्ता को 5 लाख रुपये तक की डिपॉजिट इंश्योरेंस क्लेम राशि मिल सकेगी. आरबीआई के मुताबिक बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति में अपने जमाकर्ताओं को भुगतान नहीं कर सकेगा.

आरबीआई ने एक बयान में कहा कि रिजर्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है, क्योंकि कर्जदाता के पास पर्याप्त कैपिटल मौजूद नहीं है और बैंक के कमाई की उम्मीद और आगे कामकाज करना जमाकर्ताओं के हित में है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि लिक्विडेशन पर, हर जमाकर्ता को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) से 5 लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक की राशि की डिपॉजिट राशि मिलेगी.

बैंक में ग्राहकों की जमा रकम अब बीमा एवं ऋण गारंटी निगम के जरिए मिलेगी. रिजर्व बैंक के मुताबिक लिक्विडेशन के बाद हर जमाकर्ता को अपने जमा पर बीमा के तहत 5 लाख रुपये तक की सीमा तक क्लेम मिल सकेगा. हालांकि इसके लिए जमाकर्ताओं को पैसा वापस पाने के लिए आवेदन करना होगा. रिजर्व बैंक के मुताबिक बैंक की आंकड़ों के अनुसार 95 प्रतिशत जमाकर्ता की जमा इस क्लेम दायरे के अंदर ही है. ऐसे में उन्हें अपनी पूरी रकम वापस मिल जाएगी.