इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान ख़ान की कैबिनेट द्वारा बलात्कार पर रोकथाम के लिए बलात्कारी को नपुंसक बनाए जाने की सज़ा वाला अध्यादेश राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद, क़ानून बन गया है।

मंगलवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ़ अलवी ने ऐंटी रेप आर्डिनेंस 2020 पर हस्ताक्षर कर दिए, जिसका मतलब है कि चार महीनों तक यह क़ानून लागू रहेगा और इस दौरान संसद को इसे अनुमोदित करना होगा।

नए क़ानून में कड़ी सज़ा के तहत बलात्कारी को केमिकल कैस्ट्रेशन के इस्तेमाल से नपुंसक भी बनाया जा सकता है। इसके अलावा, इस क़ानून में रेप के मुक़दमे का 4 महीनों में निपटारा कर दिए जाने पर भी बल दिया गया है।

इस अध्यादेश के तहत यौन अपराध में शामिल लोगों का नेशनल रजिस्टर तैयार किया जाएगा और पीड़िता की पहचान गुप्त रखने का भी फ़ैसला किया गया है। साथ ही कुछ अपराधियों को दवा देकर उन्हें नपुंसक भी किया जा सकता है।

क़ानून में सिर्फ़ केमिकल कैस्ट्रेशन का ज़िक्र है और इसमें कहा गया है कि अदालत यह फ़ैसला करेगी कि किस अपराधी को यह सज़ा दी जाए। हालांकि इसमें केमिकल कैस्ट्रेशन का विस्तृत उल्लेख नहीं किया गया है।

पाकिस्तान के लाहौर शहर के नज़दीक एक महिला के साथ गैंग रेप की घटना के बाद, देश भर में यौन अपराधों के ख़िलाफ़ रोष व्यापत था और लोग रेप के ख़िलाफ़ कड़ी सज़ा की मांग कर रहे थे।

दुनिया के कुछ देशों में केमिकल कैस्ट्रेशन यानी दवा देकर नपुंसक बनाए जाने का प्रावधान है।

2016 में इंडोनेशिया ने बच्चों के ख़िलाफ़ यौन अपराध करने वालों के लिए केमिकल कैस्ट्रेशन का प्रावधान किया था। साल 2009 में पोलैंड ने बच्चों का रेप करने वाले व्यस्कों के लिए इसे अनिवार्य रूप से लागू किया था।