दिल्ली:
आईपीएस अधिकारी से नेता बने लालदुहोमा की पार्टी जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा में 27 सीटें जीतने के बाद उनका राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनना लगभग तय है। दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पूर्व सुरक्षा अधिकारी रहे 73 वर्षीय लालदुहोमा लगातार दूसरी बार राज्य विधानसभा के लिए चुने गए हैं। विधानसभा चुनाव से पहले ही लालदुहोमा ने कहा था, “मेरी पार्टी (जेडपीएम) 7 नवंबर के विधानसभा चुनाव में भारी जीत हासिल करेगी और हम मिजोरम में अगली सरकार बनाएंगे।

जेडपीएम के अध्यक्ष और पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालदुहोमा ने बहुकोणीय मुकाबले में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एमएनएफ के जे. माल्सावमजुआला वानचावंग को 2,983 मतों के अंतर से हराकर अपनी सेरछिप सीट बरकरार रखी, जबकि पार्टी के अधिकांश प्रमुख उम्मीदवार अपनी-अपनी सीटों पर जीत चुके हैं या आगे चल रहे हैं।

जीत के बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि वह मंगलवार या बुधवार को राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। उन्होंने कहा, “सभी भ्रष्टाचार के मामलों (एमएनएफ शासन के दौरान) की जांच सीबीआई और अन्य एजेंसियों द्वारा की जाएगी। हम सभी क्षेत्रों में पारदर्शिता बनाए रखते हुए मिजोरम में शासन की एक नई प्रणाली पेश करेंगे।”

मिजोरम को 1972 में असम से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। वर्षों के विद्रोह के बाद 20 फरवरी 1987 को यह देश का 23वां राज्य बना। राज्य का दर्जा प्राप्त करने के बाद से मिजोरम ने केवल कांग्रेस और मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के बीच द्विध्रुवीय राजनीति देखी है, जिसका नेतृत्व पहले लालडेंगा और फिर निवर्तमान मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा ने किया।