लखनऊ।
मजदूर दिवस पर आज यू पी प्रेस क्लब में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि लोकतंत्र के चार स्तंभ हैं, न्यायपालिका,विधायिका,कार्यपालिका और मीडिया। उन्होंने कहा गंभीर चिंता का विषय है कि लोकतंत्र के यह चारो स्तंभ 95 प्रतिशत भ्रष्टाचार का शिकार हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि देश के सामने इस समय दो गंभीर चुनौतियां हैं, भ्रष्टाचार और जनसंख्या। अखबारो में स्वास्थ्य विभाग के बारे में नकारात्मक खबरें अधिक प्रकाशित हो रही है जबकि यू पी के अस्पतालों में लगभग 42 लाख मरीज रोज ओपीडी में देखे जाते हैं । सरकारी तंत्र मे कमियां जरुर होंगी लेकिन यदि सरकारी तंत्र काम न करे तो देश में अव्यवस्था का आलम व्याप्त हो जाएगा।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ज्ञापन में जो मांगे उठायी गयी हैं मुख्यमंत्री तक वह इन मांगों को पहुंचाएंगे। मयंकेश्वर शरण सिंह ने पत्रकारों को आश्वस्त किया कि वह उनके मित्र बनकर मुख्यमंत्री से विचार विमर्श कर मांग पत्र पर रखे गए बिन्दुओं का समाधान कराएंगे।

इस अवसर पर यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष हसीब सिद्दीकी ने एक ज्ञापन मुख्यमंत्री योगी को संबोधित मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह को सौंपा। ज्ञापन में पत्रकारों के जोखिम भरे कार्यों को देखते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून यूपी में लागू किया जाए। सभी श्रमजीवी पत्रकारो को राजकीय कर्मचारियों की भांति पीजीआई समेत अन्य चिकित्सा सस्थानों में नि:शुल्क इलाज की सुविधा दी जाए। डेस्ककर्मियों को भी यह सुविधा दी जाए। सरकारी विज्ञापनों में भेदभाव बन्द हों। मध्यम और लघु अखबारों को भी विज्ञापन की धनराशि सुनिश्चित की जाए। पेंशन और आवासीय सुविधा के लिए भी सरकार नए सिरे से विचार कर शीघ्र निर्णय करे। असामयिक मृत्यु पर पत्रकारों के परिजनों को आर्थिक मदद के लिए स्थायी व्यवस्था कर कम से कम दस-दस लाख रुपये दिए जाएं। कोरोना में दिवंगत हुए पत्रकारों के परिजनो को सरकार ने दस-दस लाख रुपये की मदद कर सरकार ने अच्छा कार्य किया है यूनियन इसके लिए सरकार का आभार व्यक्त कर ऐसे ही आकस्मिक दिवंगत हुए पत्रकारों के आश्रितों को भी दस-दस लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाए।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र सिंह ने कहा कि पत्रकारो पर जोखिम बढ़ा है।सामाजिक जिम्मेदारी निभाने मे पत्रकारों को रोज कठिन परीक्षा के दौर से गुजरना पड़ता है। पत्रकारों के हितो के लिए सरकार उदारतापूर्वक निर्णय ले। पत्रकारो को भी आपस मे एकजुटता बनाए रखनी होगी। पत्रकारों के हितों के लिए हम सब को एकजुट होना पड़ेगा।

इस अवसर पर प्रेस क्लब के पूर्व सचिव सुरेश बहादुर सिंह ने कहा कि मजदूरो के लिए के. विक्रम राव जी ने लंबी लड़ाई लड़ी है राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उन्होंने मजदूरों के हितों के लिए लंबा संघर्ष किया। मजदूरों को सम्मान दिलाया,न्याय दिलाया। पत्रकारों को बहुत ही चुनौतीपूर्ण परिस्थियों का सामना करना पड़ता है सच लिखने और सच दिखाने में नौकरी जाने से जान जाने तक का खतरा रहता है।

लखनऊ यूनियन और मंडल इकाई के अध्यक्ष शिवशरण सिंह ने कहा कि पत्रकारों के सामने चुनौतियां बहुत है। कोरोना काल में आईएफडब्ल्यूजे ने एकजुटता दिखायी। मुख्यमंत्री से मिले। कोरोना में असमय मौत का शिकार हुए पत्रकारों के परिजनों को यूनियन की एकजुटता के कारण सरकार ने दिवंगत पत्रकरों के परिजनो को दस-दस लाख रुपये की आर्थिक मदद दी। पत्रकारों सामंजस्य बनाकर अपना अस्तित्व बनाए रखना है।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वरिष्ठ पत्रकारो को पेंशन देना चाहते हैं लेकिन ब्यरोक्रेसी के अडंगेबाजी के चलते अभी तक निर्णय नहीं हो पा रहा है।

इस अवसर पर आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. विक्रम राव ने कहा कि पत्रकारो के हितों के लिए वह संघर्ष से कभी पीछे नहीं हटे। यूएनआई ,पीटीआई में बन्दी का संकट है।उन्होंने पीएम मोदी से मांग की है कि समाचार एजेंसियो को बन्द न होने दें। इन्दिरा गांधी के कार्यकाल की परिस्थियां न उत्पन्न हों। सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने यूपी सरकार से मांग की है कि पेंशन योजना लागू की जाए। 11 राज्यो मे पत्रकारों को पेंशन दी जा रही है।पत्रकारों की सुरक्षा के लिए यूपी सरकार कानून बनाए। उन्होंने प्रयागराज की घटना को उन्होंने पत्रकारों के लिए अपमान एवं गंभीर चुनौती बताया।

कार्यक्रम के अन्त में वरिष्ठ पत्रकार इफ्तिदा भट्टी जिनका कुछ दिन पूर्व निधन हो गया था, दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दे कर सभा का समापन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पत्रकारगण उपस्थित हुए।